ज्योतिष शास्त्र की मानें, तो व्यक्ति की कुंडली (Kundali) में 12 भाव होते हैं। इन सभी 12 भावों में अलग-अलग ग्रह निवास करते हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति अच्छी है तो उसे भविष्य में अच्छे परिणाम मिलते हैं। वहीं, अगर ग्रहों की स्थिति अच्छी न हो तो व्यक्ति पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि व्यक्ति की ग्रहों की स्थिति मजबूत है या नहीं। पंडित आशीष शर्मा के अनुसार, आइए, जानते हैं कि किस ग्रह के बलवान होने का व्यक्ति की कुंडली (Kundali) पर क्या प्रभाव पड़ता है।
सूर्य की स्थिति
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली (Kundali) में सूर्य मजबूत है, तो उसकी किस्मत में राजयोग बन सकता है। ये लोग अपना प्रभुत्व स्थापित करते हैं। यही कारण है कि ऐसे लोगों को हर जगह खूब मान-सम्मान मिलता है।
चंद्रमा की स्थिति
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा मजबूत है, तो ऐसा व्यक्ति काफी शांत स्वभाव का होता है। ऐसे लोगों की सोचने-समझने की शक्ति अधिक होती है। इसी कारण ये लोग अपना हर काम बखूबी करते हैं।
बुध की स्थिति
यदि बुध मजबूत हो तो व्यक्ति मानसिक रूप से बहुत तेज होता है। ये लोग अपनी उम्र से कम दिखते हैं। इन लोगों का व्यवहार काफी मिलनसार होता है।
मंगल की स्थिति
जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत होता है, उनका रूप बेहद आकर्षक होता है। ये लोग क्रोधी और गुस्सैल भी होते हैं। ऐसे लोगों की इच्छा शक्ति भी प्रबल होती है।
शुक्र की स्थिति
कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत हो, तो इन लोगों को सभी प्रकार की धन-संपदा, समृद्धि और विलासिता प्राप्त होती है। इन लोगों का रूप इतना आकर्षक होता है कि हर कोई इनकी ओर खिंचा चला आता है।
शनि की स्थिति
ये लोग अपने जीवन में बहुत अनुशासित रहते हैं। ऐसे लोग कम उम्र में ही जिम्मेदारियां संभालने लगते हैं। साथ ही ये बहुत मेहनती होते हैं लेकिन इन्हें परिणाम देर से मिलता है।
बृहस्पति की स्थिति
जिनकी कुंडली में बृहस्पति मजबूत होता है, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ये न सिर्फ दिखने में आकर्षक होते हैं, बल्कि इनका परिवार समृद्ध होता है, पढ़ाई भी अच्छी होती है। साथ ही समाज में इनका खूब मान-सम्मान भी होता है।
राहु की स्थिति
राहु की स्थिति मजबूत हो, तो ऐसे लोग अचानक अमीर बन जाते हैं। ये लोग काफी तेज दिमाग वाले होते हैं। इसलिए ये जीवन में सब कुछ प्राप्त कर लेते हैं।
केतु की स्थिति
केतु की स्थिति मजबूत हो, तो ऐसे लोगों का मन ईश्वर की भक्ति-भाव में रहता है। इनके पास बहुत सारा ज्ञान होता है। ये हर परिस्थिति को अकेले संभालना जानते हैं।