शमी का पेड़ (Shami Tree) शास्त्रों में कई समस्याओं का उपाय माना गया है। खास कर कि उन लोगों के लिए जिनकी कुंडली में सोम और शनि जैसी राशियां सही नहीं होती। दरअसल, ऐसे लोगों के लिए शमी का पेड़ कारगर तरीके से काम करता है और ये इन दोनों के नुकसानदायक प्रभाव को भी कम करने में मदद करता है। साथ ही यह भी मान्यता है कि शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या वाले लोगों के लिए भी शमी का पेड़ लगाना काफी फायदेमंद होता है। आमतौर पर लोग शमी का पेड़ (Shami Tree) लगा तो लेते हैं लेकिन उन्हें मालूम नहीं होता कि ये कहां और किस दिशा में लगाएं। तो, आइए जानते हैं इसे लगाने का सही दिना और दिशा।
इन दिशा में लगाएं शमी का पेड़ (Shami Tree)
आमतौर पर लोगों को लगता है कि सारे पूजा-पाठ वाले पेड़ों को पूर्व की दिशा में ही लगाना चाहिए लेकिन शमी के पेड़ को दक्षिण की दिशा में लगाना अच्छा माना जाता है। माना जाता है कि इसे दिशा में इसे लगाकर पूजा करने से केतु, शनि और सोम से जुड़े कुछ दोष कम होने लगते हैं। आप इस पेड़ के नीचे शिवलिंग रख कर भी पूजा कर सकते हैं। क्योंकि शिव शनिदेव के गुरू थे और ऐसा कहा जाता है कि शनिवार को शिव की पूजा करने वाले लोगों पर शनिदेव दया करते हैं और उनके लिए मुश्किलों में भी राह बनाते हैं।
शमी का पेड़ (Shami Tree) लगाने की सही जगह क्या है
शमी का पेड़ को आप घर के बाहर लगा सकते हैं, ताकि जब भी आप घर से बाहर निकलें तो यह आपके दाहिने हाथ में हो। कोशिश करें कि इसे घर के बिलकुल सामने ना लगाएं ताकि से सीधे आपको दिखे।
किस दिन लगाएं शमी का पेड़ (Shami Tree)
शमी के पेड़ को आप शनिवार के दिन लगाएं तो ये आपके लिए अच्छा होगा। क्योंकि शमी का पेड़ शनि महादेव का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए घर में शमी के पेड़ का स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है। साथ ही अगर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है तो प्रत्येक शनिवार को शमी के पेड़ के सामने रात के समय सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।