जीवन में सुख पूर्वक से जीने के लिए सुख समृद्धि के देवता शुक्रदेव (Shukra Dev) का आर्शिवाद बहुत आवश्यक है। शुक्र देवता जीवन यात्रा में शुभ फलों की प्राप्ति योग कारक ग्रह है। पौराणिक कथाओं में शुक्र ग्रह को दैत्य गुरु के रूप में बताया गया है। इनका प्रचलित नाम शुक्राचार्य है। दैत्य गुरु शुक्राचार्य भगवान शिव के परम भक्त थे। भोग और विलासिता का कारक शुक्र ग्रह तुला और वृषभ राशि का मालिक हैं।
कुंडली में शुक्र (Shukra) का प्रभाव शुभ होने से भौतिक सुख-सुविधाओं का लाभ मिलता है व वैवाहिक सुख का आनंद प्राप्त होता है। जातक की जन्म पत्री में यदि शुक्र देव सही स्थान पर नहीं बैठे हैं तो उसे संघर्ष करना पड़ता है।
शुक्र (Shukra) खराब होने पर व्यक्ति यौन सुखों से वंचित रहता है। उसका दांपत्य जीवन कलहपूर्ण और असंतुष्ट रहता है। पति-पत्नी में बनती नहीं है।
आइये जानते कि शुक्रदेव (Shukra Dev) का शुभ फल प्राप्त करने के लिए क्या उपाय करना चाहिए।
1- सफेद कपड़े दान करने से शुक्र मजबूत होता है।
2- प्रत्येक शुक्रवार को चावल की खीर बनाएं और उसमें शक्कर की जगह पर मिश्री का उपयोग करें और कन्याओं को खिलाएं।
3- अपनी जेब में हमेशा सफेद रंग का रूमाल रखें।
4- पत्नी का सम्मान करें। किसी भी स्त्री के साथ अभद्रता कभी न करें।
5- सुगंधित इत्र या सेंट का उपयोग जरूर करें क्योंकि शुक्र को यह बहुत पसंद है।