नयी दिल्ली। सरकार ने देश में सूचना प्रौद्योगिकी हार्डवेयर (IT Hardware) के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए 17,000 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी एक और प्रोत्साह योजना (PLI) को बुधवार को मंजूरी प्रदान की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी। सरकार का कहना है। आईटी हार्डवेयर क्षेत्र पीएलआई 2.0 योजना लैपटाप, आल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर (पीसी), विभिन्न प्रकार के सर्वर और डेस्कटॉप कंप्यूटरों में लगने वाले अति सूक्ष्म उपकरणों (एएफएफ) के लिए लायी जा रही है।
यह योजना छह वर्ष के लिए है और इसके लिए बजट से 17,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे देश में आईटी उपकरणों के क्षेत्र में 3.35 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा।
अनुमान है कि आईटी सेक्टर (IT Hardware) की पीएलआई 2.0 से 2430 करोड़ रुपये का नया निवेश आकर्षित होगा तथा 75 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
इससे पहले सरकार ने अप्रैल 2020 में बड़े-पैमाने में इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण के लिए एक प्रपोत्साहन योजना घोषित की थी। इसके अंतर्गत देश में मोबाइल और विशिष्ट इलेक्ट्रानिक उपकरणों के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए संचयी रूप से कुल मिला कर बजट से 38,601 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की स्वीकृति दी गयी है।
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भारत अपने मानव संसाधन, मजबूत आईटी सेवा क्षेत्र के साथ देश में आईटी उपकरणों के बड़े बाजार के चलते बड़ी-बड़ी वैश्विक आईटी हार्डवेयर कंपनियों के लिए एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला भागीदार के रूप में उभर रहा है। वैश्विक कंपनियां भारत में अपनी विनिर्माण सुविधाओं से भारत तथा भारत के बाहर के बाजारों के लिए माल की आपूर्ति करना चाहती हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले आठ वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक सामान और कल-पुर्जो का विनिर्माणृ साल-द-साल 17 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। भारत में इलेक्ट्रानिक सामानों का विनिर्माण 105 अरब डालर (लगभग नौ लाख करोड़ रुपये) के नए स्तर पर पहुंच गया है और देश इस समय विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन विनिर्माता है।