Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

कालिंदी एक्सप्रेस को धमाके से उड़ाने की साजिश, ड्राइवर की सूझबूझ से बड़ा हादसा टला

Kalindi Express

Conspiracy to blow up Kalindi Express

कानपुर। रेलगाड़ी चालक की सतर्कता से प्रयागराज-भिवानी कालिंदी एक्सप्रेस (Kalindi Express)  कानपुर में संभावित हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गई। इंजन को एलपीजी सिलेंडर के धमाके से उड़ाने और आगे पेट्रोल बम के इस्तेमाल की साजिश रची गई थी लेकिन ड्राइवर की सूझ-बूझ से प्लानिंग नाकाम हो गई। कानपुर में बर्राजपुर और बिल्हौर के बीच मुंढेरी क्रॉसिंक के पास रविवार रात लगभग 8.30 बजे कालिंदी एक्सप्रेस (Kalindi Express) के इंजन से एक एलपीजी सिलेंडर टकराई और धमाके की आवाज के साथ ट्रैक से दूर जा गिरी। खबर मिलने पर रेलवे और पुलिस की टीम पहुंची। छानबीन के दौरान पास से टकराए सिलेंडर के अलावा पेट्रोल बम, माचिस और एक झोले में पाउडर जैसी चीज मिली है।

कानपुर के एडिशनल कमिश्नर हरीश चंद्र ने मौके पर मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि ट्रेन के ड्राइवर को ट्रैक पर रखा सिलेंडर दिख गया था जिसके बाद उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगाई। इमरजेंसी ब्रेक लगाने की वजह से ट्रेन की स्पीड सिलेंडर में टकराने से पहले कम हो गई। टक्कर के बाद सिलेंडर धमाके जैसी आवाज के साथ उछलकर दूर जा गिरी। एसीपी ने वारदात की जगह से मिले और भी सामान का जिक्र करते हुए कहा कि फॉरेंसिक टीम सारे सबूत जुटा रही है। इसके पीछे आतंकी साजिश के सवाल पर एसीपी ने कहा कि पुलिस सारे तथ्यों और बिन्दुओं पर जांच कर रही है।

कालिंदी एक्सप्रेस (Kalindi Express) को कुछ देर बाद आगे के सफर पर रवाना कर दिया गया। रेलवे ट्रैक को कोई नुकसान नहीं हुआ था इसलिए रेल मार्ग पर ट्रेन परिचालन में कोई दिक्कत नहीं हुई।

गणेश पंडाल पर पत्थरबाजी के बाद हंगामा, 6 साजिशकर्ता समेत 33 गिरफ्तार

पिछले महीने भी कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस के 22 कोच पटरी से उतरे थे। उस हादसे में भी ट्रैक पर बोल्डर रखने की बात सामने आई थी। ट्रेन के ड्राइवर ने तब ट्रैक पर बोल्डर देखकर ब्रेक मारा लेकिन पूरी तरह कामयाबी नहीं मिली और 20-22 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। उस हादसे की जांच में पुलिस के साथ ही आईबी को भी शामिल किया गया था।

याद दिला दें कि कानपुर में ही आठ साल पहले नवंबर 2016 में पटना-इंदौर एक्सप्रेस पलट गई थी जिसमें 152 लोगों की मौत हो गई थी। उस हादसे की जांच में पता चला था कि ट्रेन पलटी नहीं, बल्कि पलटाई गई थी। बिहार में मोती पासवान नाम के आदमी को पकड़ा गया था जिसने बताया था कि दुबई में बैठे किसी मास्टरमाइंड ने पैसे देकर ये काम करवाया है। मोती पासवान ने बताया था कि घटना में शामिल लोगों को रेलवे ट्रैक को तकनीकी तौर पर बिगाड़ने की ट्रेनिंग दी गई थी।

Exit mobile version