नई दिल्ली| ऐन रबी की बुवाई के समय पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम की सातवीं किस्त के रूप में 11 करोड़ से ज्यादा किसानों के खाते में 2000 रुपये आने वाले हैं। इस योजना के तहत अब तक देश के 11.17 करोड़ किसान हर चार महीने पर 2000 रुपये की किस्त का लाभ उठा रहे हैं। मोदी सरकार अब तक 2000-2000 की छह किस्त किसानों के खाते में भेज चुकी है।
अब अगली यानी 7वीं किस्त दिसंबर से आनी है, लेकिन अब तक लाखों लोगों के खातों में छठी किस्त नहीं पहुंची है। इनमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के किसान हैं। यहां अब तक 43549 किसानों का पेमेंट फेल हो गया है। बहुत तक संभव है कि ऐसे किसानों को सातवीं किस्त भी न मिले।
यह तभी मिलेगी, जब उन्हें ये पता चल जाए कि आखिर रजिस्ट्रेशन के बावजूद किस्त नहीं आने कि वजह क्या है? तो घबराएं नहीं, पहले इस लिस्ट पर एक नजर डालें, आगे आपको वजह भी बताएंगे और इसका समाधान भी।
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फंड ट्रांसफर ऑर्डर जनरेट होने के बावजूद भुगतान फेल होने की कई वजह हो सकती है। इसकी सबसे बड़ी वजह हैं कुछ छोटी-मोटी गलतियां। जैसे किसी का आवेदन में लिखा गया नाम आधार से मैच नहीं करता या बैंक अकाउंट से नाम नहीं मिलता। किसी ने आधार नंबर सही नहीं डाला है या बैंक का आईएफएससी कोड में गलती कर रखी है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक आवेदनकर्ताओं के नाम, मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट नंबर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। इसमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और यूपी के मामले हैं। खाता अमान्य होने का दूसरा कारण अस्थायी रोक या जो खाता संख्या दिया गया वो बैंक में मौजूद नहीं था। यह भी हो सकता है बैंक पीएफएमएस यानी सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली में रजिस्टर्ड नहीं था। किस्त न मिलने की एक वजह यह भी हो सकती है कि नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया में आधार सीडिंग नहीं हुई हो।