नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 100वें एपीसोड (Mann ki Baat) में कहा कि यह कार्यक्रम उनके लिए ‘स्व से समष्टि’ और अहं से वयं की यात्रा है। मन की बात उनके लिए आध्यात्मिक यात्रा बन गई है।
इस दौरान उन्होंने अपने मार्गदर्शक लक्ष्मणराव इनामदार को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मन की बात (Mann Ki Baat) दूसरों के गुणों से सीखने का एक माध्यम बन गया है।
‘मन की बात’ मेरे लिए ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल की तरह: पीएम मोदी
वकील साहब (लक्ष्मणराव जी) हमेशा कहते थे कि हमें दूसरों दूसरों के गुणों की पूजा करनी चाहिए। वे कहते थे कि अपने विरोधी के भी अच्छे गुणों को जानना, सीखना और प्रयास करना चाहिए। यह उनके लिए हमेशा प्रेरणादायक रही है।