नई दिल्ली। भारत बंद के बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के जन्मदिन पर फोन पर बात कर शुभकामनाएं दीं। बता दें कि सोमवार ही शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर कृषि कानूनों पर आपत्ति जताई थी।
बता दें कि पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके प्रकाश सिंह बादल मंगलवार को 93 साल के हो गए है। सोमवार शाम को उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि प्रधानमंत्री उदारता दिखाएं और तीनों विवादास्पद किसान कानूनों को तुरंत रद्द करें। उन्होंने कहा कि पहले से दिए गए घावों के निशानों को ठीक होने में लंबा समय लगेगा। प्रधानमंत्री को लिखे चार पन्नों के पत्र में बादल ने कहा कि देश और सरकार को व्यापक विचार विमर्श व आम सहमति पर चलने की आवश्यकता है।
PM Narendra Modi spoke to Shiromani Akali Dal (SAD) patron Parkash Singh Badal over the phone and extended best wishes on his birthday: Sources
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— ANI (@ANI) December 8, 2020
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बादल ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस बात की तरफ दिलाया कि कैसे टकराव की राजनीति ने हमारे सामाजिक ताने-बाने को खंडित कर दिया है। उन्होंने कहा कि सलाह मशविरा, सहमति तथा सुलह ही किसी लोकतंत्र का आधार होते हैं।
बादल ने लिखा कि इन तीन कानूनों ने देश को गहरी उथल-पुथल में धकेल दिया है। इन कानूनों को वापस लेना चाहिए। यह मुद्दा सिर्फ किसानों का नहीं बल्कि इसका हमारे देश के समूचे आर्थिक स्वरूप पर भी असर पड़ा है। व्यापारी, दुकानदार, आढ़ती और श्रमिक भी इससे सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं।
हाल ही में लौटाया पद्म विभूषण प्रकाश सिंह बादल ने हाल ही में किसानों के समर्थन में पद्म विभूषण सम्मान लौटाने का एलान किया था। इस दौरान बादल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविद को तीन पन्नों की चिट्ठी लिखकर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की थी।
पद्म विभूषण लौटाते हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने चिट्ठी में लिखा था कि मैं इतना गरीब हूं कि किसानों के लिए कुर्बान करने के लिए मेरे पास कुछ और नहीं है। मैं जो भी हूं किसानों की वजह से हूं। ऐसे में अगर किसानों का अपमान हो रहा है तो किसी तरह का सम्मान रखने का कोई फायदा नहीं है।