कोलकाता। देश को आज यानी बुधवार को पहली अंडर वाटर मेट्रो (Underwater Metro) मिल गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता में इसका उद्घाटन किया। इसके अलावा पीएम मोदी (PM Modi) ने कई अन्य परियोजनाओं का भी शिलान्यास और उद्घाटन किया। कुल मिलाकर पीएम मोदी बंगाल 15400 करोड़ रुपये की सौगात दी।बता दें कि कोलकाता की अंडरवाटर मेट्रो का निर्माण हुगली नदी के नीचे कराया गया है।
यह अंडरवॉटर मेट्रो (Underwater Metro) रेल नदी और हावड़ा को कोलकाता शहर को जोड़ेगी। अंडरवाटर मेट्रो के उदघाटन के अलावा पीएम मोदी कवि सुभाष-हेमंत मुखोपाध्याय मेट्रो खंड और तारातला-माजेरहाट मेट्रो खंड का भी उद्घाटन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 6 नई मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।
#WATCH | West Bengal: Prime Minister Narendra Modi flags off metro railway services from Kavi Subhash Metro, Majerhat Metro, Kochi Metro, Agra Metro, Meerut-RRTS section, Pune Metro, Esplanade Metro- Kolkata. pic.twitter.com/2s8mNCjUiX
— ANI (@ANI) March 6, 2024
जानकारी के अनुसार, नदी के नीचे मेट्रो के शुरू हो जाने से ईस्ट-वेस्ट मेट्रो हावड़ा मैदान से हुगली नदी में बने टनल के जरिए साल्ट लेक सेक्टर पांच आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसकी कुल लंबाई लगभग 16.5 किलोमीटर है। इसमें से 10.8 किलोमीटर जमीन के अंदर से गुजरेगा। शेष 5.75 किलोमीटर का प्रोजेक्ट जमीन के ऊपर तैयार किया गया है।
अंडरवाटर मेट्रो (Underwater Metro) टनल की प्रमुख खासियत
हुगली नदी के अंदर की 520 मीटर दूरी को मेट्रो ट्रेन महज 45 सेकंड में पूरी कर लेगी। इस मेट्रो में ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन सिस्टम लगा है यानी मोटरमैन के बटन दबाते ही ट्रेन अपने आप अगले स्टेशन के लिए मूव करेगी। ये मेट्रो अधिकतम रफ्तार 80 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार पर दौड़ेगी। यात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रेन को कोच (रेक) में बेहतर ग्रैब हैंडल और हैंडल लूप के साथ-साथ एंटी-स्किड फर्श और अग्निशामक यंत्र भी इसमें रहेंगे। आपातकालीन स्थिति में यात्री टाक टू ड्राइवर यूनिट के माध्यम से मोटरमैन के साथ बातचीत भी कर सकेंगे। प्रत्येक कोच की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी रहेंगे।
प्रत्येक कोच में हाई क्लास सुविधाएं होगी। हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक जाने में छह मिनट का समय लगेगा। कुल 16 किमी के मार्ग में 10.8 किमी जमीन के भीतर से है। इसमें नदी का नीचे का हिस्सा भी शामिल है। पानी के भीतर से गुजरने वाली मेट्रो गंगा की सहायक नदी हुगली के नीचे तलहटी से 13 मीटर नीचे से गुजरेगी। दोनों टनल समानांतर बनाए गए हैं। इस मेट्रो में वर्ष 2035 तक 10 लाख यात्री सफर करेंगे।