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लाल किले से पीएम मोदी ने दिया नया मंत्र, बोले- “यही समय है, सही समय है”

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले पर तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया। भारत आज अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और इसी के साथ देश में आज़ादी के अमृत महोत्सव के जश्न की शुरुआत हो गई है।

लालकिले से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आज कोरोना संकट से लेकर अन्य चुनौतियों की बात की, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले से ऐलान किया कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को अब देश की बेटियों के लिए खोला जाएगा। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ‘यही समय है, सही समय है’ का नया मंत्र भी फूंका।

लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। आज आजादी के अमृत महोत्सव के इस पर्व पर देश अपने सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, रानी लक्ष्मीबाई, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, बाबा साहेब अंबेडकर समेत अन्य सभी को आज देश याद कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि जय-पराजय आते रहे, लेकिन मन में बसी हुई आजादी की आकांक्षा कभी खत्म नहीं हुई।

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में देश के डॉक्टरों, वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बनाने का काम किया, करोड़ों लोगों ने पल-पल जनसेवा की है। आज देश के कई इलाकों में बाढ़, भूस्खलन में कई लोगों की जान गई है, उन्हें देश याद करता है। पीएम मोदी ने इस दौरान ओलंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन पर खिलाड़ियों को बधाई दी, पीएम मोदी ने यहां सभी खिलाड़ियों के लिए तालियां बजवाईं।

पीएम मोदी ने कहा कि बंटवारे का दर्द आज भी हिन्दुस्तान के सीने को छलनी करता है, ये पिछली सदी की सबसे बड़ी शताब्दियों में से एक है। भारत ने फैसला लिया है कि 14 अगस्त को हर साल अब विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा। जो लोग बंटवारे के समय अत्याचार सहा, अब उन लोगों का सम्मान किया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना काल बहुत चुनौतियों के साथ आया, देश ने इन मुश्किलों का मिलकर सामना किया। ये हमारी ताकत है कि आज वैक्सीन के लिए हमें किसी बाहरी देश पर निर्भर नहीं होना पड़ा, अगर भारत के पास अपनी वैक्सीन नहीं होती तो क्या होता। पोलियो की वैक्सीन पाने में भारत को कई साल गंवाने पड़े, लेकिन इतने बड़े संकट के दौरान हमारे वैज्ञानिकों ने इतिहास रच दिया।

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