प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना के हालात पर गुरुवार को एक बड़ी बैठक की। पीएम मोदी को इस बैठक में देश के हरेक राज्य में कोविड-19 की स्थिति की जानकारी दी गई। पीएम ने बैठक में दवाइयों की कमी और टीकाकरण को लेकर निर्देश भी दिए। पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि राज्य कोरोना टीकाकरण की गति में कमी नहीं आने दें। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी जानकारी दी।
पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री के समक्ष विभिन्न राज्यों में कोविड प्रकोप की एक विस्तृत तस्वीर प्रस्तुत गई। उन्हें 12 राज्यों में 1 लाख से अधिक सक्रिय मामलों की जानकारी दी गई थी। इसके साथ ही हाई केस लोड वाले जिलों के बारे में पीएम को अवगत कराया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि पीएम को राज्यों द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे के बारे में बताया गया। पीएम ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए जरूरी पहलुओं के बारे में राज्यों को सहायता और मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए।
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पीएम मोदी की इस अहम बैठक में कोरोना की रोकथाम के लिए त्वरित और समग्र उपायों को सुनिश्चित करने के उपायों पर भी चर्चा की गई है। पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों को ऐसे जिलों की पहचान करने के लिए एक एडवाइजरी भेजी गई थी, जहां केस पॉजिटिविटी 10% या उससे अधिक है और ऑक्सीजन सपोर्टेड या ICU बेड 60% से ज्यादा भरे हुए हैं।
इस बैठक में प्रधानमंत्री ने दवाओं की उपलब्धता की भी समीक्षा की। उन्हें रेमेडेसिवीर सहित दवाओं के उत्पादन में तेजी से वृद्धि के बारे में जानकारी दी गई। पीएम ने अगले कुछ महीनों में टीकों पर उत्पादन बढ़ाने के लिए टीकाकरण और रोडमैप की प्रगति की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री को इस बात की भी जानकारी दी गई कि राज्यों को करीब 17.7 करोड़ टीके भेजे जा चुके हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने राज्यों में हो रही वैक्सीन की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री को बताया गया कि करीब 45 साल तक की उम्र के लगभर 31 प्रतिशत पात्र लोगों को कम से कम वैक्सीन की एक डोज दी जा चुकी है।
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पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों को इस बात का निर्देश दिया जाना चाहिए कि टीकाकरण की गति धीमी नहीं होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद नागरिकों को टीकाकरण की सुविधा दी जानी चाहिए और टीकाकरण में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों को दूसरे कामों के लिए डायवर्ट नहीं किया जाना चाहिए।