प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर रांची में बिरसा मुंडा संग्रहालय का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ही आज के ही दिन झारखंड अस्तित्व में आया था। उन्होंने ही अलग जनजातीय मामलों का मंत्रालय बनाया था और जनजातीय हितों को राष्ट्र की नीतियों से जोड़ा था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र ने तय किया है कि आजादी के ‘अमृत काल’ के दौरान आदिवासी परंपराओं और उनकी वीरता की गाथाओं को और भी भव्य पहचान दी जाएगी। इसलिए ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है कि 15 नवंबर भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इसलिए इस महत्वपूर्ण अवसर पर जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी म्यूजियम देशवासियों को समर्पित है। पीएम ने कहा कि जो भूमि उनके तप, त्याग की साक्षी बनी हो। वह हमारे लिए एक पवित्र तीर्थ है।
India pays tributes to Bhagwan Birsa Munda. https://t.co/990K6rmlDy
— Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2021
मोदी ने कहा कि- ‘कुछ दिन पहले मैंने हर राज्य में आदिवासी म्यूजियम की स्थापना का आह्वान किया था। मुझे खुशी है कि हर राज्य इस ओर केंद्र सरकार के साथ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही नौ और राज्यों में आदिवासी म्यूजियम की स्थापना होगी।’
पीएम मोदी को मारने की रची थी साजिश, खूंखार माओवादी ने किया खुलासा
उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने समाज के लिए जीवन दिया। अपनी संस्कृति अपने देश के लिए प्राणों का परित्याग किया। इसलिए वे आज भी हमारी आस्था में, हमारी भावनाओं में उपस्थित हैं। इसलिए हम जब भी देश के विकास में आदिवासी समाज को देखते हैं तो हमें भगवान बिरसा मुंडा का चेहरा दिखाई देता है।
हम सभी के लिए भगवान बिरसा एक व्यक्ति नहीं एक परंपरा हैं। सदियों से वे भारत की आत्मा का हिस्सा हैं। जिस समय हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ मानवता की आवाज बन रहे थे। लगभग उसी समय बिरसा मुंडा गुलामी के खिलाफ एक अध्याय लिख चुके थे।