प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गोरखपुर में चौरी चौरा कांड के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक घटना को याद करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार इस साल इसका शताब्दी समारोह मना रही है।
1922 में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने चौरी चौरा में एक पुलिस चौकी में आग लगा दी थी। इस घटना में 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद। इस मौके पर PM एक डाक टिकट भी जारी करेंगे। इसी के साथ यूपी के सभी 75 जिलों में कार्यक्रम की शुरुआत होगी।
Prime Minister Narendra Modi attends inauguration of the Chauri Chaura Centenary Celebrations at Chauri Chaura in Gorakhpur, Uttar Pradesh, via video conferencing. pic.twitter.com/1hD77MTcWg
— ANI (@ANI) February 4, 2021
इस घटना में जान गंवाने वाले सत्याग्रहियों को शहीद माना गया था। चौरी चौरा कांड के शताब्दी वर्ष पर उनके परिवार वालों को सम्मानित किया जाएगा। सुबह प्रभात फेरी निकलेगी। शाम को हर शहीद स्थल पर दीप जलाए जाएंगे। शहीदों की याद में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
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इस दौरान एक साथ 30 हजार से ज्यादा लोग वंदे मातरम गाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएंगे। सभी को तय समय पर वंदे मातरम गाते हुए वीडियो अपलोड करना होगा।
चौरीचौरा विद्रोह को अब तक ‘कांड’ के रूप में याद किया जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री शहीदों के सम्मान में आज इसकी नई व्याख्या करेंगे। अब से यह घटना जनविद्रोह कही जाएगी।
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दरअसल, 13 अप्रैल 1919 को हुआ जलियांवाला बाग कांड और 4 फरवरी 1922 को चौरी चौरा की घटना के बाद से ही जंगे आजादी में चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राम प्रसाद बिस्मिल, राजेंद्र लाहिड़ी, अशफाक उल्लाह जैसे क्रांतिकारी सोच के लोग हारावल दस्ते के रूप में उभरे थे। इन सबका मानना था कि आजादी सिर्फ अहिंसा से मिलने से रही। उस दौरान गोरखपुर ऐसे क्रांतिकारियों का गढ़ बन गया था। काकोरी कांड के आरोप में रामप्रसाद बिस्मिल ने वहीं की जेल में सजा काटी। बाद में 10 दिसंबर 1927 को उन्होंने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को गले लगा लिया था।