नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में इंटरनेशनल लॉयर्स कांफ्रेंस-2023 का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम मोदी वकीलों को संबोधित करते हुए कहा, ‘एक तरह से ये इंटरनेशनल लॉयर्स कांफ्रेंस वसुधैव कुटुम्बकम की भारत की भावना का प्रतीक बन गई है। मैं यहां आए सभी अंतरराष्ट्रीय मेहमानों का मैं भारत में बहुत बहुत स्वागत करता हूं।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi ) ने कहा कि आज़ादी की लड़ाई में लीगल प्रोफेशनल की बहुत बड़ी भूमिका रही है। आज़ादी की लड़ाई में बहुत से वकीलो ने भाग लिया था। कानूनी प्रोफेशनल ने आजादी की नींव को मजबूत करने का काम किया। कानून की भाषा को सरल बनाने की कोशिश की जा रही है। विज्ञान भवन में पीएम मोदी ने कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया। खतरा ग्लोबल है तो लड़ाई भी ग्लोबल होगी। दुनिया का भरोसा भारत में बढ़ रहा है। भारत की न्याय व्यवस्था दुनिया के लिए मिसाल है।
न्यायपालिका हमेशा न्याय व्यवस्था की संरक्षक रही- पीएम (PM Modi)
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi ) ने कहा न्यायपालिका हमेशा न्याय व्यवस्था की संरक्षक रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कानून की भाषा सरल बनाने के लिए नई व्यवस्था शुरू की है। हाल ही में भारत की आजादी के 75 साल पूरे हुए हैं। आजादी की लड़ाई में कानूनी बिरादरी ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री ने बताया कि स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए कई वकीलों ने अपनी प्रैक्टिस छोड़ दी थी। दुनिया आज भारत पर विश्वास क्यों करती है? पीएम ने कहा क्योंकि, इसमें भारत की स्वतंत्र न्यायपालिका की प्रमुख भूमिका है।
भारत कई ऐतिहासिक निर्णयों का साक्षी बना- पीएम (PM Modi )
पीएम (PM Modi ) ने कहा कि आज ये कॉन्फ्रेंस ऐसे समय में हो रही है, जब भारत कई ऐतिहासिक निर्णयों का साक्षी बना है। एक दिन पहले ही भारत की संसद ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का कानून पास किया है।
पीएम मोदी वाराणसी को शिक्षा और खेल के लिए देंगे 1565 करोड़ के तोहफे
नारी शक्ति वंदन कानून भारत में विमेन लेड डेवलपमेंट की नई दिशा और नई ऊर्जा देगा। कुछ दिनों पहले ही जी20 शिखर सम्मेलन में दुनिया ने हमारी डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और हमारी डिप्लोमेसी की झलक भी देखी।
भारत 2047 तक विकसित होने के लिए कर रहा काम
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi ) ने कहा कि एक महीने पहले आज ही के दिन भारत चांद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बना। ऐसी ही उप्लब्धियों के साथ आत्मविश्वास से भरा भारत 2047 तक विकसित होने की राह पर काम कर रहा है। निश्चित तौर पर इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को एक निष्पक्ष, स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था का आधार चाहिए। पीएम ने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस भारत के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा।