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IMD के150वें स्थापना दिवस पर PM मोदी ने लॉन्च किया ‘मिशन मौसम’

PM Modi launched 'Mission Mausam'

PM Modi launched 'Mission Mausam'

नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग यानी IMD के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने इसे विश्व बंधुत्व के लिए काफी अहम बताया है। मिशन मौसम लॉन्च करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग आज हमारे देश में आधुनिक साइंस और टेक्नोलॉजी की अहम पहचान बन चुका है। इस विभाग का दायित्व महज देश की सीमाओं के भीतर तक सीमित नहीं है। यह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप और पूरी दुनिया में एक अहम सेतु बन चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा कि हमारे पड़ोस में जहां कहीं भी कोई आपदा आती है, तो भारत सबसे पहले मदद के लिए पहुंचता है। इससे विश्व में भारत को लेकर भरोसा भी बढ़ा है। दुनिया में विश्व बंधु के रूप में भारत की छवि पहले से और भी मजबूत हुई है।

मिशन मौसम की होगी अहम भूमिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा कि IMD ने न केवल करोड़ों भारतीयों की सेवा की है, बल्कि भारत की वैज्ञानिक यात्रा का भी प्रतीक बना है। उन्होंने कहा कि भारत एक क्लाइमेट स्मार्ट राष्ट्र बने, इसके लिए हमने मिशन मौसम भी लांच किया है। मिशन मौसम टिकाऊ भविष्य (sustainable future) और भविष्य की तैयारी (future readiness) को लेकर भारत की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है।

IMD विश्व बंधुत्व का भी प्रतीक- मोदी (PM Modi) 

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मौसम संबंधी हमारी प्रगति के चलते हमारी आपदा प्रबंधन क्षमता पहले से और भी बेहतर हुई है, इसका लाभ पूरी दुनिया को मिल रहा है। आज हमारा आकस्मिक बाढ़ मार्गदर्शन सिस्टम नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका को भी सूचनाएं दे रहा है। हमारे पड़ोस में कहीं कोई आपदा आती है, तो भारत सबसे पहले मदद के लिए उपस्थित होता है। मदद करने की वजह से भी आज भारत को लेकर पड़ोसी मुल्कों में भरोसा बढ़ा है।

युवाओं में मौसम विज्ञान की बढ़ेगी रुचि

प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने बताया कि IMD की उपलब्धियों का उत्सव मनाने के लिए एक डाक टिकट और एक विशेष सिक्का भी जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि IMD ने युवाओं को 150 वर्षों की यात्रा से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय मौसम विज्ञान ओलंपियाड का भी आयोजन किया और हजारों छात्रों ने इसमें भाग लिया। इससे मौसम विज्ञान में उनकी रुचि और बढ़ेगी।

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