नई दिल्ली । देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवा को वाराणसी के डोम राजा जगदीश चौधरी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री ने आज एक टि्वट संदेश में कहा कि वाराणसी के डोम राजा जगदीश चौधरी जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। वे काशी की संस्कृति में रचे-बसे थे। वहां की सनातन परंपरा के संवाहक रहे। उन्होंने जीवनपर्यंत सामाजिक समरसता के लिए काम किया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को इस पीड़ा को सहने की शक्ति दें।
वाराणसी के डोम राजा जगदीश चौधरी जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। वे काशी की संस्कृति में रचे-बसे थे और वहां की सनातन परंपरा के संवाहक रहे। उन्होंने जीवनपर्यंत सामाजिक समरसता के लिए काम किया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को इस पीड़ा को सहने की शक्ति दे।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 25, 2020
बता दें कि डोम राजा जगदीश चौधरी का मंगलवार सुबह नौ वाराणसी के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। डोम राजा जगदीश चौधरी 2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से उम्मीदवार रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नामांकन पत्र में प्रस्तावकों में से एक थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी के डोम राजा के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक रहे आदरणीय डोम राजा जगदीश चौधरी जी का निधन। सादर नमन। डोम राजा केवल बनारस के लिए लिहाज से ही नहीं बल्कि आध्यात्म के लिहाज से भी महत्वपूर्ण हैं। हिंदू धर्म में छुआछूत समाप्त करने के उद्देश्य से महंत अवैद्यनाथ जी ने डोम राजा के घर साधुओं के साथ भोजन कर सहभोज की शुरु़आत की थी।
बाबा विश्वनाथ के आराधक डोमराजा श्री जगदीश चौधरी जी के निवास पर पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की अगुवाई में धर्माचार्यों द्वारा सहभोज किया जाना, भेदभाव रहित भारतीय समाज की भावना का अप्रतिम उदाहरण था।
दोनों हुतात्माओं की पुण्य स्मृति को प्रणाम!
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) August 25, 2020
लखनऊ के सीएमओ डॉ. आरपी सिंह कोरोना पॉजिटिव, कार्यालय सील
परिजनों ने बताया कि डोम राजा जगदीश के जांघ में कई महीने पहले घाव हो गया था। सिगरा स्थित निजी अस्पताल से उनका इलाज चल रहा था। मंगलवार सुबह उनकी हालत अचानक से ज्यादा खराब होने पर परिजन आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले गए, जहां थोड़ी देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
काशी में डोम राजा का अलग महत्व है
जगदीश काशी के डोम राजा के तौर पर जाने जाते रहे हैं। सदियों से काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर जलने वाली चिताओं के अंतिम संस्कार के लिए यही परिवार अग्नि देता है। यह धार्मिक मान्यता है कि चिता में जब डोम समुदाय का व्यक्ति आग लगाता है, तभी मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पीएम मोदी के चुनाव में ये थे चार प्रस्तावक
बता दें डोम राजा जगदीश चौधरी के अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव में बीएचयू के महिला महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य डॉक्टर अन्नपूर्णा शुक्ला, जनसंघ के जमाने से जुड़े रहे बीजेपी के वरिष्ठ कार्यकर्ता सुभाष गुप्ता और कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर रामशंकर पटेल प्रस्तावक थे।