प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देशभर में मेडिकल ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक समीक्षा बैठक की।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान मंत्रालयों और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय के महत्व बल दिया। उन्होंने ऑक्सीजन की उपलब्धता, संभावित उपयोग, आवाजाही तथा आयात संबंधित विषयों पर अधिकारियों से बातचीत की और उन्हें उचित निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री ने समीक्षा के दौरान कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 12 राज्यों में ऑक्सीजन की उपलब्धता और अगले 15 दिन में होने वाले उपयोग की समीक्षा की। इस दौरान प्रधानमंत्री को इन राज्यों में जिला स्तर तक की स्थिति से अवगत कराया गया।
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प्रधानमंत्री को बताया गया कि आने वाले 15 दिनों में हर 5 दिन में इन राज्यों में ऑक्सीजन की कितनी जरूरत होगी। उन्हें बताया गया कि इन जरूरतों को पूरा करने के लिए इन 12 राज्यों को 20, 25 और 30 अप्रैल के लिए क्रमशः 4,880, 5,619 और 6,593 मेट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन किया गया है।
प्रधानमंत्री को देश में ऑक्सीजन के उत्पादन की स्थिति से अवगत कराया गया जिसमें प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि हर इकाई को अपनी क्षमता के अनुसार इसमें इजाफा करना चाहिए। इस बात पर भी चर्चा हुई इस्पात संयंत्रों में अधिशेष ऑक्सीजन को मेडिकल के लिए उपयोग में लाया जाए।
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प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को ऑक्सीजन ले जाने में वाले टैंकरों की स्वतंत्र आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए कहा। इस संबंध में सरकार ने देशभर में ऑक्सीजन टैंकरों की राज्यों के बीच आवाजाही को परमिट रजिस्ट्रेशन से मुक्त कर दिया है। सा ही ट्रांसपोर्टरों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि ऑक्सीजन की सप्लाई निर्बाध 24 घंटे जारी रहे और इसके लिए ड्राइवरों की शिफ्ट सुनिश्चित हो। सिलेंडर भरने वाली इकाइयों को भी निर्धारित सुरक्षा मानकों के साथ 24 घंटे काम करने की अनुमति दी गई है।
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सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन के लिए औद्योगिक सिलेंडर के उपयोग को सभी स्वच्छता सुनिश्चित कर उपयोग में लाने अनुमति दी है। साथ ही टैंकरों की संभावित कमी को पूरा करने के लिए नाइट्रोजन और टैंकरों को ऑक्सीजन में बदलकर अनुमति दी जाएगी। साथ ही प्रधानमंत्री को मेडिकल ऑक्सीजन के आयात के बारे में भी किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई।