नई दिल्ली : गुरुवार को गुजरात के केवडिया में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का समापन सत्र आयोजित किया गया। इस समापन सत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिेए संबोधित किया। इस सम्मेलन की शुरुआत वर्ष 1921 में की गई थी। 2020 इस अखिल भारतीय पीठासीन अधीकारी सम्मेलन का शताब्दी वर्ष है। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष और सम्मेलन के अध्यक्ष ओम बिड़ला, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा आज का दिन पूज्य बापू की प्रेरणा को, सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिबद्धता को प्रणाम करने का है। उन्होंने मुंबई हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
क्या दिल्ली में लगेगा कर्फ्यू? केजरीवाल सरकार ने हाईकोर्ट में दिया ये जवाब
महत्व खो चुके कानूनों को हटाने की प्रक्रिया आसान होनी चाहिए
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, समय के साथ जो कानून अपना महत्व खो चुके हैं, उनको हटाने की प्रक्रिया भी आसान होनी चाहिए। बीते सालों में ऐसे सैकड़ों कानून हटाए जा चुके हैं। क्या हम ऐसी व्यवस्था नहीं बना सकते जिससे पुराने कानूनों में संशोधन की तरह, पुराने कानूनों को रिपील करने की प्रक्रिया स्वत: चलती रहे?
संविधान की कानूनी भाषा पर ये बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमारे यहां बड़ी समस्या ये भी रही है कि संवैधानिक और कानूनी भाषा, उस व्यक्ति को समझने में मुश्किल होती है जिसके लिए वो कानून बना है। मुश्किल शब्द, लंबी-लंबी लाइनें, बड़े-बड़े पैराग्राफ, क्लॉज-सब क्लॉज, यानि जाने-अनजाने एक मुश्किल जाल बन जाता है।
लालू ने जेल से ही चला ली थी सरकार, अफसर गेस्ट हाउस में लगाते थे हाजिरी
उन्होंने कहा, हमारे कानूनों की भाषा इतनी आसान होनी चाहिए कि सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी उसको समझ सके। हम भारत के लोगों ने ये संविधान खुद को दिया है। इसलिए इसके तहत लिए गए हर फैसले, हर कानून से सामान्य नागरिक सीधा कनेक्ट महसूस करे, ये सुनिश्चित करना होगा।