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चौरी चौरा शताब्दी समारोह में पीएम मोदी बोले- किसानों को सशक्त बनाने की कर रहे हैं कोशिश

पीएम मोदी PM Modi

पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चौरी चौरा शताब्दी समारोह की शुरूआत की। उन्होंने एक डाक टिकट भी जारी किया है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं।

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पीएम मोदी ने कहा कि इस साल जब देश अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, उस समय ऐसे सामारोहों का होना इसे और भी प्रासंगिक बना देता है। आज से शुरू हो रहे ये कार्यक्रम पूरे साल आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान चौरी-चौरा के साथ ही हर गांव, हर क्षेत्र के वीर बलिदानियों को भी याद किया जाएगा। चौरी चौरा की पवित्र भूमि पर देश के लिए बलिदान होने वाले, देश के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा देने वाले वीर शहीदों के चरणों में मैं प्रणाम करता हूं, आदरपूर्वक श्रद्धाजंलि देता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को कभी चौरा चौरी की घटना नहीं भूलनी चाहिए, अमर बलिदानियों ने देश के लिए अपनी जान दी है। उन्होंने कहा कि चौरी चौरा में जो हुआ वह सिर्फ एक थाने में आग लगाने की घटना नहीं थी, इससे एक बड़ा संदेश अंग्रेजी हुकूमत को दिया गया। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने बजट किसी पर भी कोई नया टैक्स नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि देश की तरक्की में किसानों ने अहम योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने मंडियों को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को बढ़ाया गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि अब देश का प्रयास है कि हर गांव, कस्बे में भी इलाज की ऐसी व्यवस्था हो कि हर छोटी मोटी बीमारी के लिए शहर की तरफ न भागना पड़े। इतना ही नहीं शहरों में भी इलाज कराने में तकलीफ न हो, इसके लिए भी बड़े फैंसले लिए गए हैं।

किसान आगे बढ़ेंगे, आत्मनिर्भर बनें, इसके लिए पिछले 6 वर्षों में लगातार प्रयास किये गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये किया गया है। इसका सीधा लाभ देश के किसान हो होगा। ये सभी फैसले हमारे किसान को आत्मनिर्भर बनाएंगे, कृषि को लाभ का व्यापार बनाएंगे।

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पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। मंडियां किसानों के फायदे का बाजार बनें, इसके लिए 1,000 और मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा। कोरोना महामारी की चुनौतियों के बीच भी हमारा कृषि क्षेत्र मजबूती से आगे बढ़ा और किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन करके दिखाया। हमारा किसान अगर और सशक्त होगा, तो कृषि क्षेत्र की प्रगति और तेज होगी।
देश की तरक्की में किसानों ने अहम योगदान दिया है। हमारी सरकार ने मंडियों को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं। भारत ने जिस तरह से इस महामारी से लड़ाई लड़ी है, उसकी तारीफ आज पूरी दुनिया में हो रही है। हमारे टीकाकरण अभियान से भी दुनिया के कई देश सीख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कई दिग्गज ये कह रहे थे कि देश ने बड़े संकट का सामना किया है। इसलिए सरकार को टैक्स बढ़ाना ही पड़ेगा, लेकिन इस बजट में देशवासियों पर कोई बोझ नहीं बढ़ाया गया, बल्कि देश को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने ज्यादा से ज्यादा खर्च करने का फैसला लिया है।

आज भारत खुद कोरोना की वैक्सीन बना रहा है। दुनिया के बड़े बड़े देशों से भी तेज गति से टीकाकरण कर रहा है। भारत मानव जीवन की रक्षा के लिए दुनिया भर को वैक्सीन पहुंचा रहा है। तो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की आत्मा को गर्व महसूस होता होगा।
कोरोना काल में भारत ने दुनिया के 150 से ज्यादा देशों के नागरिकों की मदद के लिए दवाइयां भेजीं। भारत ने दुनिया के अलग अलग देशों से अपने 50 लाख से अधिक नागरिकों को स्वदेश लाने का काम किया। जब भारत ने अनेकों देशों के हजारों नागरिकों को सुरक्षित उनके देश भेजा।

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस पूरे अभियान से हमारे छात्र-छात्राओं, युवाओं को प्रतियोगिता के माध्यम से भी जोड़ा जा रहा है। हमारे युवा जो अध्ययन करेंगे, उससे उन्हें इतिहास के कई अनकहे पहलू पता चलेंगे। सामूहिकता की जिस शक्ति ने गुलामी के बेड़ियों को तोड़ा था, वही शक्ति भारत को दुनिया की बड़ी ताकत भी बनाएगी। सामूहिकता की यही शक्ति आत्मनिर्भर भारत अभियान का मूलभूत आधार है। चौरी चौरा शताब्दी के इन कार्यक्रमों को लोकल कला, संस्कृति और आत्मनिर्भरता से जोड़ने का प्रयास किया गया है। ये प्रयास भी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति हमारी श्रद्धांजलि होगी।

आग थाने में नहीं लगी थी, आग जन-जन के दिलों में प्रज्ज्वलित हो चुकी थी। चौरी-चौरा के ऐतिहासिक संग्राम को आज देश के इतिहास में जो स्थान दिया जा रहा है, उससे जो जुड़ा हुआ प्रयास हो रहा है वो प्रशंसनीय है। अनेक वजहों से पहले जब भी चौरी-चौरा की बात हुई उसे एक मात्र मामूली आगजनी के संदर्भ में ही देखा गया, लेकिन आगजनी किन परिस्थितियों में हुई, क्या वजह थी, ये भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। 100 वर्ष पहले चौरी चौरा में जो हुआ वो सिर्फ एक आगजनी की घटना, एक थाने में आग लगा देने की घटना नहीं थी, चौरी चौरा का संदेश बहुत बड़ा था, बहुत व्यापक था।

4 फरवरी 1922 को स्वाधीनता संघर्ष में यहां पुलिस और स्थानीय जनता के बीच संघर्ष में पुलिस की गोली से स्वाधीनता के लिए संघर्ष  करने वाले 3 सेनानी शहीद हुए थे। उसके बाद 228  पर ब्रिटिश हुकुमत ने मुकदमा चलाया था जिनमें 225 को सजा दी गई थी। मैं आभारी हूं प्रधानमंत्री का जिन्होंने इस कार्यक्रम के शुभारंभ के लिए अपना बहुमूल्य समय हमें प्रदान किया है। 4 फरवरी 1922 को ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ भारत की स्वाधीनता आंदोलन को एक नई दिशा देने के लिए चौरी चौरा की घटना इसी स्थल पर हुई थी। आज का ये समारोह हमारे लिए उन सभी अमर बलिदानियों के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने का एक समारोह है।

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