महोबा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के महोबा में अर्जुन बांध सहायक परियोजना सहित अन्य सिंचाई परियोजनाओं का शुक्रवार को उद्घाटन करने के बाद यहां आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुये पिछली सरकारों पर तंज कसते हुये बुंदलखंड की बदहाली के दोषी ठहराया।
मोदी ने पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार का नाम लिये बिना कहा कि बुंदेलखंड की सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने में पिछली सरकार ने कोई रूचि नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि परिवारवादियों की सरकारों ने गरीब परिवारों और बेटियों को पानी जैसी मूलभत जरूरतों से वंचित रखा जबकि कर्मयोगियों की सरकार ने नल से घर तक पानी पहुंचाया। उन्होंने कहा कि वे लूटकर नहीं थकते थे और हम काम करते नहीं थकते हैं।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय जलसंसाधन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और केन्द्रीय मंत्री महेन्द्र नाथ पांडे सहित अन्य जन प्रतिनिधि मौजूद थे।
उन्होंने कहा, “बीते 7 सालों में हम कैसे सरकार को दिल्ली के बंद कमरों से निकालकर देश के कोने-कोने में ले आए हैं, महोबा उसका साक्षात गवाह है। ये धरती ऐसी योजनाओं, ऐसे फैसलों की साक्षी रही है, जिन्होंने देश की गरीब माताओं-बहनों-बेटियों के जीवन में बड़े और सार्थक बदलाव किए हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने बुंदेलखंड से पलायन की समस्या के लिये भी पिछली सरकारों की जनविरोधी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “हम बुंदेलखंड से पलायन को रोकने के लिए इस क्षेत्र को रोज़गार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और यूपी डिफेंस कॉरिडोर भी इसका एक बहुत बड़ा प्रमाण है।”
उन्होंने कांग्रेस और सपा पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुये कहा, “परिवारवादियों की सरकारें किसानों को सिर्फ अभाव में रखना चाहती थीं। वे किसानों के नाम से घोषणाएं करते थे, लेकिन किसान तक पाई भी नहीं पहुंचती थी। जबकि पीएम किसान सम्मान निधि से हमने अब तक 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपए सीधे किसानों के खातों में भेजे हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवारवादियों की सरकारें सिर्फ किसानों को धोखे में रखना चाहती थीं। परिवारवादियाें ने तो किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से भी वंचित रखा था, लेकिन हमारी सरकार ने छोटे से छोटे किसान को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है1”
मोदी ने कहा कि परिवारवादियों की सरकारों ने दशकों तक उत्तर प्रदेश के अधिकतर गांवों को प्यासा रखा। उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को ‘कर्मयोगी सरकार’ बताते हुये कहा, “कर्मयोगियों की सरकार ने सिर्फ दो साल के भीतर ही 30 लाख परिवारों को नल से जल दिया है। परिवारवादियों की सरकारें किसानों को सिर्फ अभाव में रखना चाहती थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने बुंदेलखंड के हालात की तुलना गुजरात के कच्छ इलाके से करते हुये कहा, “गुजरात के कच्छ की हालत भी बुंदेलखंड जैसी ही थी। लोग वहां से पलायन कर रहे थे। लेकिन मुझे सेवा का अवसर मिला तो आज कच्छ देश के सबसे तेजी से विकास करने वाले जिलों में एक हो गया है। मुझे भरोसा है कि बुंदेलखंड भी वैसा विकास अपना सकता है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस, सपा और बसपा की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुये कहा कि दशकों तक बुंदेलखंड के लोगों ने लूटने वाली सरकारें देखी हैं। पहली बार बुंदेलखंड के लोग यहां के विकास के लिए काम करने वाली सरकार देख रहे हैं। उन्होंने अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार की सख्ती का जिक्र करते हुये कहा, “जब माफियाओं पर बुलडोजर चल रहा है तो कुछ लोग हाय-तौबा मचा रहे हैं। लेकिन ये लोग कितना भी हाय-तौबा मचा लें, उप्र और बुंदेलखंड के काम रुकने वाले नहीं है। इन लोगों ने बुंदेलखंड के साथ जैसा बर्ताव किया उसे लोग कभी भूल नहीं सकते।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “इस कटु सत्य को कोई भी भुला नहीं सकता कि वो प्रदेश को लूटकर कभी नहीं थकते थे और हम काम करते हुए कभी नहीं थकते। वो समस्याओं की राजनीति करते हैं और हम समस्या के समाधान के रास्ते निकालते हैं। किसानों को हमेशा समस्याओं में उलझाए रखना ही कुछ राजनीतिक दलों का आधार रहा है। ये समस्याओं की राजनीति करते हैं और हम समाधान की राष्ट्रनीति करते हैं।”
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पानी के महत्व को इंगित करने के लिये उन्होंने सिख धर्म के प्रवर्तक गुरुनानक देव की शिक्षाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “गुरु नानक देव ने कहा है कि पानी को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि पानी से सारी सृष्टि को जीवन मिलता है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड को जलसंकट से उबारने के लिये उनकी सरकार ने केन-बेतवा लिंक परियोजना की राह में आ रही बाधाओं का सभी पक्षों से संवाद करके समाधान भी निकाला है।