प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को आत्मनिर्भर भारत स्वयंपूर्ण गोवा कार्यक्रम के लाभार्थियों एवं हितधारकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। उन्होंने कहा कि हमारे अफसरशाह जितने ज्यादा जिम्मेदार और संवेदनशील होंगे, देश को उतना ही ज्यादा फायदा होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम वर्षों से लंबित पड़े कार्यों पर तेजी से काम कर रहे हैं। उन्होंने जोड़ा कि रेहड़ी- पटरी वाले लोगों को डिजिटल लेन-देन से बहुत फायदा होगा।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों से पात्र लाभार्थियों तक पहुचंने में तकनीक की उपयोगिता के विषय में जानना चाहा। उन्होंने महिला सशक्तीकरण के लिए किये गये इनोवेटिव कार्यों की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि मैं जब गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब स्वयं सहायता समूह को खाना परोसने का प्रशिक्षण दिलवाया। इससे बड़े आयोजनों में अन्न की बर्बादी रुकी और लोग प्रशिक्षित भी हुए। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह सेवा के क्षेत्र में काफी कुछ कर सकते हैं।
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प्रधानमंत्री ने गोवा में होम स्टे की परिकल्पना की संभावना बताते हुए अधिकारियों पर इस दिशा में कार्य करने की सलाह दी। उल्लेखनीय है कि एक अक्टूबर, 2020 को शुरू की गई स्वयंपूर्ण गोवा की पहल प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान से प्रेरित थी। इस कार्यक्रम के तहत, राज्य सरकार के एक अधिकारी को ‘स्वयंपूर्ण मित्र’ के रूप में नियुक्त किया जाता है। यह मित्र एक नामित पंचायत या नगरपालिका का दौरा करता है, लोगों के साथ संवाद करता है, विभिन्न सरकारी विभागों के साथ समन्वय करता है और यह सुनिश्चित करता है कि विभिन्न सरकारी योजनाएं एवं लाभ पात्र लाभार्थियों के लिए उपलब्ध हों। इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी मौजूद रहे।