• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

संघ को समझना इतना सरल नहीं…, लेक्स फ्रीडमैन के पॉडकास्ट में बोले पीएम मोदी

Writer D by Writer D
16/03/2025
in Main Slider, नई दिल्ली, राजनीति, राष्ट्रीय
0
PM Modi spoke in Lex Fridman's podcast

PM Modi spoke in Lex Fridman's podcast

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi ) और मशहूर अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन (Lex Fridman) के बीच बातचीत का पॉडकास्ट आज रविवार को रिलीज हो गया है। इस बातचीत में पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। इसमें पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की उनके जीवन में अहम भूमिका, समाज में इसके योगदान और अपने व्यक्तिगत अनुभवों पर विस्तार से चर्चा की। लेक्स ने उनसे सवाल पूछा कि जब आप आठ साल के थे, तब RSS में शामिल हो गए थे, जो हिंदू राष्ट्रवाद के विचार का समर्थन करता है। क्या आप मुझे आरएसएस के बारे में बता सकते हैं? आप पर और आपके राजनीतिक विचारों के विकास पर उनका क्या प्रभाव पड़ा?

इसके जवाब में पीएम मोदी (PM Modi ) ने कहा कि बचपन से ही मुझे हमेशा किसी न किसी काम में लगे रहने की आदत थी। मुझे याद है कि मकोशी नाम का एक आदमी था, मुझे उसका पूरा नाम ठीक से याद नहीं है, मुझे लगता है कि वह सेवा समूह का हिस्सा थे। वह अपने साथ एक ढफली जैसा रखते थे। वह अपनी गहरी, दमदार आवाज में देशभक्ति के गीत गाते थे। जब भी वह हमारे गांव में आते थे तो अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम करते थे। मैं उनके पीछे पागलों की तरह दौड़ता रहता था, बस उनके गाने सुनने के लिए। मैं पूरी रात उनके देशभक्ति के गाने सुनता रहता था। मुझे इसमें मज़ा आता था, मुझे नहीं पता क्यों, लेकिन बस मज़ा आता था।

‘संघ को समझना इतना सरल नहीं’

उन्होंने कहा कि हमारे गांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक शाखा थी, जहां देशभक्ति के गीत चलते थे। उन गीतों की कुछ बातें मुझे बहुत छू गईं। और इस तरह मैं आरएसएस का हिस्सा बन गया। आरएसएस में हमें जो मूल मूल्य दिए गए, उनमें से एक था कि जो भी करो, उसे उद्देश्य के साथ करो। राष्ट्र के योगदान के लिए करो। जैसे मैं पढ़ाई करूं तो इतनी करूं की देश के काम आए। जब मैं व्यायाम करूं तो इतना करूं कि मेरा शरीर भी देश के काम आए। ये संघ के लोग सिखाते रहते हैं। संघ एक बहुत बड़ा संगठन है। यह अब अपनी 100वीं वर्षगांठ के करीब है। इतना बड़ा स्वयंसेवी संगठन शायद दुनिया में कहीं और मौजूद नहीं है। करोड़ों लोग इससे जुड़े हुए हैं। लेकिन संघ को समझना इतना सरल नहीं है। इसके कार्य की प्रकृति को सही मायने में समझने के लिए प्रयास करना चाहिए।

संघ ने पर्पस ऑफ लाइफ दिया

उन्होंने कहा कि संघ एक बहुत बड़ा संगठन है। अब उसका 100 वां वर्ष है। दुनिया में इतना बड़ा स्वयंसेवी संगठन होगा। मैंने नहीं सुना है। करोड़ों लोग उसके साथ जुड़े हैं। संघ को समझना इतना सरल नहीं है। संघ के काम को समझने का प्रयास करन चाहिए।

उन्होंने कहा किसंघ तो स्वयं तो पर्पस ऑफ लाइफ में एक दिशा देता है। देश ही सबकुछ है और जनसेवा ही प्रभु सेवा है। जो ग्रंथों ने कहा गया, जो स्वामी विवेकानंद ने कहा, वही संघ कहता है।

पीएम मोदी (PM Modi ) ने कहा कि दूसरी बात, देश ही सब कुछ है और जनसेवा ही ईश्वर की सेवा है। यही वैदिक काल से कहा जाता रहा है। यही हमारे ऋषियों ने कहा है, यही विवेकानंद ने कहा है और यही बातें संघ के लोग करते हैं। तो स्वयंसेवक को कहा जाता है कि तुम्हें जो संघ से प्रेरणा मिली है, उससे समाज के लिए कुछ करना चाहिए।आज, उस भावना से प्रेरित होकर कई पहल चल रही हैं। जैसे कुछ स्वयंसेवकों ने सेवा भारती नामक संगठन की स्थापना की। यह संगठन उन झुग्गी-झोपड़ियों और बस्तियों की सेवा करता है जहां सबसे गरीब लोग रहते हैं, जिन्हें वे सेवा समुदाय कहते हैं। मेरी जानकारी के अनुसार, वे बिना किसी सरकारी सहायता के केवल सामुदायिक सहयोग से, लगभग एक 1 लाख 25 हजार सेवा परियोजनाएं चलाते हैं। वे वहां समय बिताते हैं, बच्चों को पढ़ाते हैं, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं, अच्छे संस्कार देते हैं और इन समुदायों में स्वच्छता को बेहतर बनाने की दिशा में काम करते हैं। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।

‘संघ ने आदिवासी इलाकों में खोले 70 हजार स्कूल’

उन्होंने (PM Modi ) कहा कि इसी तरह, संघ द्वारा पोषित कुछ स्वयंसेवक वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से आदिवासी समुदायों की सेवा के लिए समर्पित हैं। वे आदिवासियों के बीच रहते हैं, उनके कल्याण के लिए काम करते हैं। उन्होंने दूरदराज के आदिवासी इलाकों में 70,000 से ज़्यादा एक शिक्षक वाले स्कूल खोले हैं। अमेरिका में भी कुछ लोग हैं जो इनके लिए लगभग 10 या 15 डॉलर का दान करते हैं। और वे कहते हैं, ‘इस महीने एक कोका-कोला न पिएं और उस पैसे को एक शिक्षक वाले स्कूल में दान करें।’ अब कल्पना करें, आदिवासी बच्चों को शिक्षित करने के लिए समर्पित 70,000 एक शिक्षक स्कूल। कुछ स्वयंसेवकों ने शिक्षा में क्रांति लाने के लिए विद्या भारती की स्थापना की है। आज, वे लगभग 25,000 स्कूल चलाते हैं, लगभग 30 लाख छात्रों को शिक्षित करते हैं, और मेरा मानना ​​है कि इस पहल से करोड़ों छात्रों को लाभ हुआ है, जो अविश्वसनीय रूप से कम लागत पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। शिक्षा के साथ-साथ, मूल्यों को प्राथमिकता दी जाती है, और छात्र जमीन से जुड़े रहते हैं, कौशल सीखते हैं ताकि वे समाज पर बोझ न बनें। यानी, जीवन के हर पहलू में, चाहे वह महिलाएँ हों, युवा हों या फिर मज़दूर हों, RSS ने भूमिका निभाई है।

‘संघ से मुझे जीवन के संस्कार मिले’

पीएम मोदी (PM Modi ) ने कहा कि सदस्यता के आकार के संदर्भ में, अगर मैं ऐसा कहूं तो हमारे पास भारतीय मज़दूर संघ है। इसके लगभग 50,000 संघ हैं, जिनके देश भर में लाखों सदस्य हैं। शायद, पैमाने के संदर्भ में, दुनिया में इससे बड़ा कोई मज़दूर संघ नहीं है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि वे किस तरह का दृष्टिकोण अपनाते हैं। ऐतिहासिक रूप से, वामपंथी विचारधाराओं ने दुनिया भर में मज़दूर आंदोलनों को बढ़ावा दिया है। और उनका नारा क्या रहा है? ‘दुनिया के मज़दूरों, एक हो जाओ’, संदेश स्पष्ट था, पहले एकजुट हो जाओ, फिर बाकी सब हम संभाल लेंगे। आरएसएस प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा संचालित श्रमिक संघ किसमें विश्वास करते हैं? वे कहते हैं, ‘श्रमिकों ने दुनिया को एकजुट किया है।’ दूसरे कहते हैं, ‘दुनिया के श्रमिकों ने एक हो जाओ।’ और हम कहते हैं, ‘श्रमिकों ने दुनिया को एकजुट किया है।’ यह शब्दों में एक छोटा सा बदलाव लग सकता है, लेकिन यह एक बहुत बड़ा वैचारिक परिवर्तन है। आरएसएस से आने वाले स्वयंसेवक अपने स्वयं के हितों, प्रकृति और प्रवृत्ति का पालन करते हैं और ऐसा करके वे इस तरह की गतिविधियों को मजबूत और बढ़ावा देते हैं। जब आप इन पहलों को देखेंगे, तो आप देखेंगे कि पिछले 100 साल में आरएसएस ने भारत की चकाचौंध से दूर रहकर एक साधक की तरह समर्पित भाव से काम किया है। मेरे सौभाग्य रहा कि ऐसे पवित्र सगंठन से मुझे जीवन के संस्कार मिले।

Tags: delhi newslex fridman podcastpm modi
Previous Post

मेरे खिलाफ माहौल बनाया गया… उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने दिया इस्तीफा

Next Post

भाजपा के नवनियुक्त जिला व महानगर अध्यक्षों को सीएम योगी ने दी बधाई, दिया ये संदेश

Writer D

Writer D

Related Posts

Makeup
Main Slider

इन टिप्स से चुने सही मेकअप, लगेंगी बेहद खूबसूरत

10/05/2025
World Bank President Ajay Banga
उत्तर प्रदेश

छोटे किसान ही उत्तर प्रदेश के असली सोना : अजय बंगा

09/05/2025
CM Fellows
उत्तर प्रदेश

शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में सीएम फेलो कर रहे हैं इनोवेटिव कार्य

09/05/2025
Defense Industrial Corridor
उत्तर प्रदेश

भारत की रक्षा जरूरतों के साथ ही रोजगार के नए द्वार भी खोलेगा डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर

09/05/2025
krishna lok
Main Slider

मथुरा को मिला ‘कृष्ण लोक’: उत्तर प्रदेश का नवीनतम वेस्ट-टू-वंडर थीमैटिक पार्क

09/05/2025
Next Post
CM Yogi

भाजपा के नवनियुक्त जिला व महानगर अध्यक्षों को सीएम योगी ने दी बधाई, दिया ये संदेश

यह भी पढ़ें

Anna Hazare

‘… अगर गलती की है तो सजा होनी चाहिए’, केजरीवाल को मिले समन पर बोले अन्ना हजारे

15/04/2023

भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

19/07/2020
Agra Nagar Nigam Chief Engineer AK Ram suspended

घूसख़ोरी के आरोप में जिला कृषि अधिकारी निलंबित

30/12/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version