नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की 100 जयंती के मौके पर पीएम मोदी (PM Modi) ने एक ब्लॉग लिखते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस लेख के जरिए पीएम मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया है। इसमें उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों और उपलब्धियों के बारे में बताया है।
पीएम मोदी (PM Modi) ने लिखा ब्लॉग
पीएम मोदी (PM Modi) ने अपने ब्लॉग में लिखा, ‘आज, 25 दिसंबर हमारे लिए एक बहुत खास दिन है। हमारा देश हमारे प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री, अटल बिहारी वाजपेयी जी की शताब्दी जयंती मना रहा है। वह एक महान राजनेता के रूप में उभरे जो आज भी अनगिनत लोगों को प्रेरित करते हैं।’
‘देश हमेशा अटल जी का आभारी रहेगा’
पीएम मोदी (PM Modi) ने लिखा, ‘हमारा देश हमेशा अटल जी का आभारी रहेगा, जिन्होंने भारत को 21वीं सदी में प्रवेश कराने के लिए मार्गदर्शन किया। जब उन्होंने 1998 में प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, तो हमारा देश राजनीतिक अस्थिरता से गुजर रहा था। करीब 9 वर्षों में हम 4 लोकसभा चुनाव देख चुके थे। भारत के लोग निराश और संदेहपूर्ण हो गए थे कि क्या सरकारें अपनी जिम्मेदारियां निभा सकेंगी। लेकिन अटल जी ही थे जिन्होंने इस संकट को टाल दिया और स्थिर और प्रभावी सरकार दी। अपने साधारण जीवन के चलते उन्होंने आम नागरिकों की समस्याओं और प्रभावी प्रशासन की बदलती शक्ति को समझा।’
‘कई क्षेत्रों में दिखता है अटल की दूरदर्शिता का प्रभाव’
पीएम मोदी (PM Modi) ने आगे लिखा, ‘अटल जी के नेतृत्व का दीर्घकालिक प्रभाव हम कई क्षेत्रों में देख सकते हैं। उनके कार्यकाल में सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार और संचार के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग देखने को मिली। यह हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण था, जहां एक बहुत ही गतिशील युवा शक्ति भी है। अटल जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने पहली बार तकनीक को आम नागरिकों के लिए सुलभ बनाने का गंभीर प्रयास किया। साथ ही, उन्होंने भारत को जोड़ने के दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। आज भी, लोग गोल्डन क्वाड्रीलेटरल प्रोजेक्ट (स्वर्णिम चतुर्भुज) को याद करते हैं, जिसने भारत की लंबाई और चौड़ाई को जोड़ा।’
पीएम ग्राम सड़क योजना का किया जिक्र
पीएम मोदी (PM Modi) ने अपने ब्लॉग में अटल बिहारी की उपलब्धियों को याद करते हुए लिखा, ‘वाजपेयी सरकार ने स्थानीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी पहलों की शुरुआत की। इसी तरह, उनकी सरकार ने दिल्ली मेट्रो के लिए व्यापक कार्य किया, जो एक विश्व स्तरीय परियोजना के रूप में उभरी। इसी तरह वाजपेयी सरकार ने न केवल आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिया बल्कि दूरदराज के क्षेत्रों को आपस में जोड़ा और एकता और एकीकरण को बढ़ावा दिया।’
सर्वशिक्षा अभियान का भी जिक्र
पीएम मोदी (PM Modi) ने लिखा, ‘ सामाजिक क्षेत्र में, सर्वशिक्षा अभियान जैसी पहल यह दर्शाती है कि अटल जी ने एक ऐसे भारत के निर्माण का सपना देखा था, जहां आधुनिक शिक्षा देशभर के लोगों, विशेषकर गरीब और हाशिये पर रहने वाले वर्गों के लिए सुलभ हो। साथ ही, उनकी सरकार ने कई आर्थिक सुधार किए, जिन्होंने कई दशकों तक आर्थिक और कारपोरेट से जुड़े भ्रष्टाचार को खत्म कर भारत की आर्थिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया।’
‘पोखरण परीक्षण से भारत ने दुनिया को दिखाया अपना दम’
उन्होंने आगे लिखा, ‘वाजपेयी जी के नेतृत्व का एक अद्भुत उदाहरण 1998 में देखा जा सकता है। जब उनकी सरकार ने 11 मई को पोखरण परीक्षण किए, जिसे ‘ऑपरेशन शक्ति’ के नाम से जाना जाता है। ये परीक्षण भारत के वैज्ञानिक समुदाय की क्षमता का प्रतीक थे। दुनिया ने भारत के इन परीक्षणों को चौंकते हुए देखा और अपनी नाराज़गी जाहिर की। लेकिन कोई सामान्य नेता शायद डरकर झुक जाता, लेकिन अटल जी इससे अलग थे। और क्या हुआ? भारत ने दृढ़ता से खड़ा होकर दो दिन बाद 13 मई को एक और परीक्षण किया! 11 तारीख को किए गए परीक्षणों ने वैज्ञानिक कौशल को दर्शाया, तो 13 तारीख को किए गए परीक्षणों ने सच्चे नेतृत्व को उजागर किया। यह दुनिया को एक संदेश था कि अब भारत धमकियों या दबावों के सामने झुकेगा नहीं। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना करने के बावजूद, उस समय की एनडीए सरकार ने दृढ़ता से भारत के संप्रभुता की रक्षा करने का अधिकार जताया और साथ ही, दुनिया भर में शांति की सबसे मजबूत समर्थक बनी।’
‘अटलजी ने गठबंधन की नई परिभाषा दी’
पीएम मोदी ने लिखा, ‘अटल जी ने भारतीय लोकतंत्र को समझा और इसे मजबूत बनाने की आवश्यकता को महसूस किया। अटल जी ने एनडीए का निर्माण किया, जिसने भारतीय राजनीति में गठबंधन की नई परिभाषा दी। उन्होंने लोगों को एक साथ लाया और एनडीए को विकास, राष्ट्रीय प्रगति और क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं की शक्ति बना दिया। उनका संसदीय कौशल उनके पूरे राजनीतिक सफर में दिखाई दिया। वह एक ऐसी पार्टी से थे, जिसके पास बहुत कम सांसद थे, लेकिन उनके शब्दों से उस समय कांग्रेस पार्टी का गढ़ हिल जाता था। उनका करियर ज्यादातर विपक्ष की सीटों पर रहा, लेकिन कभी किसी के प्रति कोई नफरत नहीं दिखी, जबकि कांग्रेस ने उन्हें गद्दार तक कह डाला!’
सिद्धांतविहीन राजनीति को मौत का फंदा मानते थे अटल जीः सीएम योगी
पीएम मोदी ने कहा, ‘वह कभी भी अवसरवादी तरीकों से सत्ता पर काबिज नहीं होने वाले थे। 1996 में उन्होंने गंदे राजनीति के रास्ते पर चलने के बजाय इस्तीफा देने को प्राथमिकता दी। 1999 में उनकी सरकार एक वोट से हार गई थी। बहुत से लोगों ने उन्हें उस समय की अनैतिक राजनीति का विरोध करने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने नियमों का पालन करना उचित समझा। आखिरकार वह जनता से एक और जोरदार जनादेश लेकर लौटे।’
‘संविधान की रक्षा के लिए भी अटलजी का काम प्रशंसनीय’
पीएम मोदी ने आगे लिखा, ‘संविधान की रक्षा के प्रति अटल जी की प्रतिबद्धता भी अत्यधिक प्रशंसनीय है। वह डॉ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी की शहादत से गहरे प्रभावित थे। कई साल बाद, उन्होंने आपातकाल विरोधी आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1977 के चुनावों के मद्देनजर उन्होंने अपनी पार्टी (जन संघ) को जनता पार्टी में विलय करने को सहमति दी। मुझे यकीन है कि उनके लिए और अन्य लोगों के लिए यह एक कठिन निर्णय था, लेकिन संविधान की रक्षा उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण थी। यह भी उल्लेखनीय है कि अटल जी भारतीय संस्कृति से कितने गहरे जुड़े थे। भारत के विदेश मंत्री बनने के बाद, वह संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण देने वाले पहले भारतीय नेता बने। यह एक ऐसा कदम था जिसने भारतीय धरोहर और पहचान पर उनका गर्व प्रदर्शित किया और वैश्विक मंच पर एक अमिट छाप छोड़ी।’
‘अटलजी का व्यक्तित्व आकर्षक’
पीएम मोदी ने लिखा, ‘अटल जी का व्यक्तित्व आकर्षक था और उनका जीवन साहित्य और अभिव्यक्ति के प्रति उनके प्रेम से समृद्ध था। वह एक प्रखर लेखक और कवि थे, जिन्होंने शब्दों का उपयोग प्रेरित करने, विचार उत्पन्न करने और सांत्वना देने के लिए किया। उनकी कविताएं, जो अक्सर उनके अंदरूनी संघर्षों और देश के लिए उनकी आशाओं को दर्शाती थीं, आज भी लोगों के दिलों में गूंजती हैं।’
‘मैं सौभाग्यशाली कि उनके साथ काम करने का मौका मिला’
पीएम मोदी ने लिखा, ‘बहुत से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं जैसे मुझे यह सौभाग्य मिला कि हम अटल जी जैसे महान व्यक्तित्व से सीख सके और उनसे संवाद कर सके। उनका भाजपा के लिए दिया गया योगदान बुनियादी था। उस समय कांग्रेस के प्रभुत्व वाली धारणा के खिलाफ वैकल्पिक विचारधारा को नेतृत्व देना उनकी महानता को दर्शाता है। आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी जी जैसे दिग्गजों के साथ उन्होंने पार्टी को उसके प्रारंभिक वर्षों में प्रोत्साहित किया, उसे चुनौतियों, विफलताओं और सफलताओं से गुजरते हुए मार्गदर्शन दिया। जब कभी विचारधारा और सत्ता के बीच चुनाव था, उन्होंने हमेशा विचारधारा को प्राथमिकता दी। वह देश को यह विश्वास दिलाने में सफल रहे कि कांग्रेस से एक वैकल्पिक दृष्टिकोण संभव है और ऐसा दृष्टिकोण भारत के लिए बेहतर साबित हो सकता है।’
आखिर में पीएम मोदी ने लिखा, ‘उनकी 100वीं जयंती पर, आइए हम खुद को उनके आदर्शों को पुनः समर्पित करें और उनके द्वारा दिए गए भारत के दृष्टिकोण को साकार करने का प्रयास करें। आइए हम एक ऐसा भारत बनाने का संकल्प लें, जो उनके अच्छे शासन, एकता और प्रगति के सिद्धांतों को अपनाए। अटल जी का हमारे देश की संभावनाओं में अडिग विश्वास हमें प्रेरित करता है कि हम ऊंचा लक्ष्य तय करें और कठिन परिश्रम करें।’