नई दिल्ली। 12 दिसंबर 2015 में हुए पेरिस समझौते में वैश्विक तापमान को दो डिग्री से ज्यादा न बढ़ने देने का लक्ष्य तय किया गया था। भारत इस लक्ष्य को लेकर चलने वाले बड़े देशों में सबसे आगे है। पिछले महीने जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अलग-थलग होकर लड़ाई लड़ने के बजाय एकजुटता के साथ, व्यापक और समग्र सोच को अपनाया जाना चाहिए।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार रात को पेरिस समझौते के पांच साल पूरे होने के मौके पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से आयोजित किए गए वैश्विक जलवायु सम्मेलन को संबोधित करेंगे। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि इस बार वर्चुअल माध्यम के जरिए इस सम्मेलन का आयोजन ब्रिटेन की ओर से किया गया है।
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भारत पेरिस समझौते के अपने लक्ष्य को हासिल कर रहा है। भारत ने पर्यावरण के अनुरूप रहने की अपनी परंपरा और सरकार की प्रतिबद्धता के चलते कम कार्बन उत्सर्जन की प्रक्रिया को अपनाया है। उन्होंने कहा था कि विश्व तभी तेज गति से प्रगति कर सकता है जब विकासशील देशों को बड़े पैमाने पर तकनीक और वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाए।