इस बार के दीपोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की संभावना है। प्रशासनिक हलके में भी माना जा रहा है कि राम मंदिर के भूमि पूजन के दौरान प्रधानमंत्री के हाथों प्रस्तावित हजारों करोड़ की योजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण का कार्य दीपोत्सव में हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दीपोत्सव में शामिल होने की संभावना से अयोध्या में खुशी की लहर है। संत समाज ने भी मोदी से दीपोत्सव में शामिल होने का आह्वान किया है। वहीं, इस बार तमाम राजनीतिक एवं फिल्मी हस्तियां भी दीपोत्सव में शामिल होकर भव्यता बढ़ाएंगी तो 7.50 लाख दीप जलाने का नया विश्व रिकॉर्ड भी बनाने की तैयारी है।
योगी सरकार ने 2017 में अयोध्या में दीपोत्सव का आगाज किया था। तब से हर साल दीपोत्सव की भव्यता बढ़ती गई। अब योगी सरकार के पांच साल पूरे होने जा रहे हैं, अगले वर्ष विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में योगी सरकार के पांचवें दीपोत्सव को अलौकिक व ऐतिहासिक बनाने पर मंथन हो रहा है। साथ ही राममंदिर निर्माण शुरू होने की खुशी भी दीपोत्सव के जरिए बयां हो, कुछ ऐसी योजना है।
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इसी को लेकर यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि योगी सरकार के पांचवें दीपोत्सव के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो सकते हैं। पिछली बार नरेंद्र मोदी 05 अगस्त 2020 को राममंदिर के निर्माण का कार्य शुरू कराने के लिए अयोध्या आए थे। तब भी यह अटकलें थी वे अयोध्या को हजारों करोड़ की सौगात दे सकते हैं, लेकिन उनकी वह यात्रा पूरी तरह से धार्मिक रही।
अब यदि दीपोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आते हैं तो रामनगरी को करोड़ों की योजनाओं की सौगात मिलनी तय है। पीएम के आगमन को लेकर अभी कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है, फिर भी जिस तरह भूमिपूजन में अयोध्या सजी-धजी थी कुछ उसी तरह एक बार फिर से रामनगरी में त्रेतायुग को जीवंत करने की तैयारी चल रही है।