अयोध्या। रामदुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे… पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) इसे सिद्ध करके ही 22 जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि में प्रवेश करेंगे। मान्यता है कि अयोध्या में हनुमंत लला (Hanumanth Lala) यहां के राजा के रूप में विराजमान हैं।
बिना उनकी अनुमति के यहां कोई शुभ काम नहीं होता है। इसी मान्यता के चलते प्रधानमंत्री (PM Modi) सबसे पहले हनुमंत लला के दरबार में हाजिरी लगाएंगे। उनसे अनुमति लेंगे। फिर रामलला (Ramlalla) की प्राण प्रतिष्ठा के लिए राम जन्मभूमि प्रस्थान करेंगे।
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू होगा। अनुष्ठान में पीएम मोदी सबसे पहले संकल्प लेकर देश को समर्पित करेंगे। फिर रामलला का षोडशोपचार पूजन करेंगे। यह करीब 20 मिनट का होगा। षोडशोपचार पूजन व महापूजन को मिलाकर गर्भगृह में कुल पूजा का वक्त 40 मिनट का होगा।
रामोत्सव 2024: श्रीराम नगरी में सोलर ट्री से दूधिया रोशनी में नहाए 34 पार्क
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकेंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त होगा, जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकेंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकेंड होगा। पूजन के दौरान गर्भगृह में 11 लोग मौजूद रह सकते हैं। पूजन आचार्य लक्ष्मीकांत व गणेश्वर द्रविड़ के निर्देशन में होगा।
हनुमान जी की अनुमति बिना नहीं मिलता दर्शन-पूजन का लाभ
वाल्मीकि रामायण में वर्णित है कि भगवान श्रीराम जब साकेत धाम जाने लगे तो उन्होंने उससे पूर्व हनुमान जी का राजतिलक किया था। हनुमान जी की अनुमति लिए बिना राम के दर्शन और पूजन का लाभ नहीं मिलता। माता सीता ने भी उन्हें अमरता का आशीर्वाद देते हुए कहा था अजर अमर गुन निधि सुत होऊ…।