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रामोत्सव 2024: अयोध्या का त्रेतायुगीन गौरव लौटा रहा ‘महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट’

Maharishi Valmiki International Airport

Maharishi Valmiki International Airport

अयोध्या । प्रभु श्रीराम उत्तर प्रदेश समेत देश-दुनिया की आस्था का केंद्र हैं और आस्था के इस केंद्र के हृदयस्थल अयोध्या में रामलला के श्रीविग्रह को भव्य मंदिर में सुशोभित किए जाने से पूर्व 30 दिसंबर 2023 की तारीख बेहद खास होने वाली है। महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Maharishi Valmiki International Airport) व अयोध्या धाम स्टेशन फेज-1 के लोकार्पण के साथ ही 30 दिसंबर 2023 को 16 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात अयोध्या और उत्तर प्रदेश को मिलने जा रही है, जो अयोध्या की दशा-दिशा बदलकर रख देंगे। 1462.97 करोड़ रुपए की लागत से बना महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Maharishi Valmiki International Airport) आधुनिक सुविधाओं से लैस होने के साथ ही अयोध्या के त्रेतायुगीन वैभव की याद दिलाता है।

उल्लेखनीय है कि सनानत संस्कृति के अनुसार, विश्व का पहला साम्राज्य वैवस्वत मनु द्वारा स्थापित किया गया था जिसकी राजधानी अयोध्या ही थी। यह अयोध्या नगरी ही थी जिसने राजा शिवि के बलिदान, भगीरथ की तपस्या, हरिश्चंद्र की सत्यवादिता, इक्ष्वाकु और रघु के पराक्रम का प्रतिमान रहे सूर्यवंश का साक्षात्कार किया और बाद में इसी कुल में जन्मे प्रभु श्रीराम द्वारा ‘राम राज’ के आदर्श को यथार्थ बनते देखा। ऐसी वैभवशाली अयोध्या सदियों की अपेक्षा और पराभव के बाद आज एक बार फिर उठ खड़ी हुई है और तेजी से अपने पुराने वैभव की ओर बढ़ चली है जिसका सारा श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी की सोच और सीएम योगी के कुशल क्रियान्वयन को जाता है।

रामायण के काण्ड और पंचतत्वों से प्रेरित है एयरपोर्ट की साज-सज्जा

कभी पुष्पक विमान का संचालन देख चुकी अयोध्या आज एक बार फिर महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Maharishi Valmiki International Airport) के रूप में हवाई यातायात से जुड़ने को तैयार है। उल्लेखनीय है कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 30 दिसंबर को अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लोकार्पण किया जाएगा। इस एयरपोर्ट का वास्तु और डिज़ाइन बेहद ख़ास है। यह पूरी तरह से श्रीराम के जीवन से प्रेरित है तथा ‘नागर शैली’ के आधार पर इसका विकास किया गया है। इसके 7 शिखर हैं जिसमें से एक मुख्य शिखर बीच में और आगे 3 और पीछे 3 शिखर हैं। वहीं, एयरपोर्ट पर प्रभु श्रीराम का चित्रण कई स्तरों पर किया गया है।

एयरपोर्ट के बाहर तीर-धनुष का बड़ा म्युरल लगाया गया है जो श्रीराम के पुरुषार्थ का प्रतीक है। वहीं, एयरपोर्ट की लैंडस्केपिंग में रंगों के प्रयोग को पंच तत्वों से प्रेरित होकर रखा गया है। एयरपोर्ट का मुख्य भवन में 7 खंबों का इस्तेमाल किया गया है जो रामायण के 7 काण्ड को दर्शाते हैं।

मधुबनी पेंटिंग में बनी 3 फ्लोर ऊंची श्रीराम दरबार की छवि कर देगी मोहित

वहीं, सभी आधुनिक सुख-सुविधाओं से लैस एयरपोर्ट की सजावट में दो प्रकार की म्यूरल पट्टिकाओं का प्रयोग किया गया है, जिनका नाम दैविक व खंडिका पट्टियां हैं। इसके अतिरिक्त, एक वॉल म्यूरल महाबलि हनुमान को भी समर्पित किया गया है। इसमें हनुमान जी के जन्म से अयोध्या में प्रभु श्रीराम की आज्ञा अनुसार उनके स्थापित होने तक का पूरा चित्रण है। वहीं, 3 फ्लोर ऊँचा राम दरबार और मधुबनी पेंटिंग में बना सीता-राम विवाह का चित्रण यहां आने वाले सभी लोगों का मन मोह लेगा।

हनुमान वॉल, तीन मंजिला राम दरबार… अयोध्या एयरपोर्ट में दिखेगी त्रेता युग की झलक

उल्लेखनीय है कि एयरपोर्ट से 11 जनवरी 2024 से अहमदाबाद और अयोध्या के बीच प्रतिदिन 3 उड़ानों का संचालन होगा। वहीं, 6 जनवरी को पहली फ्लाइट दिल्ली से अयोध्या के बीच उड़ान भरेगी। शुरुआती संचालन के बाद इस एयरपोर्ट से इंटरनेशनल फ्लाइट्स को ऑपरेशनल करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसके बाद अयोध्या ग्लोबल सर्किट से सीधे तौर पर जुड़ जाएगा और यह अयोध्या के लिए खोए गौरव को प्राप्त करने वाला क्षण होगा।

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