लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने सरकार की रोजगारोन्मुखी योजनाओं, नीतियों से युवाओं को परिचित कराने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के 12, भारतीय पुलिस सेवा के छह और भारतीय वन सेवा के छह अधिकारियों (सभी सेवानिवृत्त) तथा 24 शिक्षाविदों सहित की 48 सदस्यीय टीम गठित की है। आगामी तीन से पांच फरवरी तक यह टीम अलग-अलग विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में युवाओं से संवाद कर रोजगार से जुड़ी उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करेगी। साथ ही, युवाओं के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की उपयोगिता के संबंध में जागरूक करेगी।
इसी संदर्भ में मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर अयोजित विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्त अधिकारियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों की 48 सदस्यीय विशेष टीम के साथ संवाद किया। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में बीते साढ़े पांच-पौने छह वर्ष में देश-दुनिया के सामने उत्तर प्रदेश ने अपनी नई पहचान बनाई है। प्रदेश के प्रति लोगों की धारणा बदली है। आप सभी इस बड़े बदलाव के साक्षी रहे हैं, सहयात्री रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अपार संभावनाओं का प्रदेश है। देश और प्रदेश के समग्र विकास में हमें इन संभावनाओं को जमीन पर उतारना होगा। आप सभी के पास सार्वजनिक जीवन का लंबा अनुभव है। महत्वपूर्ण पदों पर दायित्व निर्वहन किया है। आपके इन अनुभवों से हमारे युवा लाभान्वित हों, इसके लिए आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
वर्ष 2017 में जब हमने प्रदेश की जिम्मेदारी संभाली थी, तब प्रदेश की अर्थव्यवस्था की स्थिति दयनीय थी। हमने सभी पहलुओं का अध्ययन किया और फिर नीतिगत सुधार और व्यवस्था के सरलीकरण के लिए मिशन मोड में काम किया। कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर करने के प्रयास हुए। और फिर अगले ही वर्ष जब हमने इन्वेस्टर्स समिट आयोजित किया तो 4.68 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव हमें मिले। इसके उपरांत तीन ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से हम लगभग चार लाख करोड़ तक के प्रस्तावों को जमीन पर उतार चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) ने कहा कि वर्ष 2017 में जब हमने किसानों की ऋण माफी की योजना को क्रियान्वित करने के लिए बैंकर्स को फोन किया तो हमें हतोत्साहित करने वाले नतीजे मिले। किसी ने हमारा फोन रिसीव नहीं किया। और अभी बीते दिनों जब मुम्बई में बैंकर्स और वित्तीय संस्थाओं के सीईओ, एमडी आदि से भेंट हुई तो लोग स्वतः स्फूर्त भाव से प्रदेश के विकास में सहायक बनने की उत्सुकता जता रहे थे।
उत्तर प्रदेश में विकास में असमानता एक बड़ी समस्या रही है। मध्य उत्तर प्रदेश और एनसीआर की तुलना में पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड का बहुत कम विकास हुआ था। यहां न तो इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलेपमेंट का काम हुआ था न ही लोगों के जीवन स्तर में सुधार के प्रयास। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में उद्योग नहीं लग पाए। नतीजतन यहां के युवाओं के सामने पलायन का संकट रहा। हमने इस आसमान विकास की समस्या के स्थायी निराकरण के लिए ठोस प्रयास किये हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड को फोकस करते हुए हमने अपनी नीतियों में विशेष प्रावधान किए हैं। बेहतर कनेक्टिविटी, सुदृढ़ कानून व्यवस्था और व्यवसाय की सरलता के अनुकूल नीतियां लागू कीं। नतीजतन आज इन पिछड़े कहे जाने वाले क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हो रही है। लाखों-करोड़ के निवेश प्रस्ताव हमें मिल रहे हैं।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था के आकार को एक ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने के उद्देश्य से देश तथा विदेशों से पूंजी निवेश आकर्षित करने हेतु आगामी 10-12 फरवरी को लखनऊ में उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। यह तीन दिवसीय समिट राज्य के समावेशी विकास, व्यापार के अवसरों का अन्वेषण तथा सहभागिता स्थापित करने हेतु उद्योग एवं वाणिज्य जगत से जुड़े उद्योगपतियों, निवेशकों, व्यापारियों, प्रबन्ध शास्त्रियों, उच्च स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों, कॉरपोरेट नेतृत्व, विचारकों, बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों एवं नीति निर्धारकों हेतु एक विचार मंच उपलब्ध करायेगी।
यह तीन दिनी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) न केवल प्रदेश में औद्योगीकरण की संभावनाओं को जमीन पर उतारने वाली होगी, बल्कि प्रदेश के सामान्य नागरिक के जीवन स्तर को बेहतर करने, अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और रोजगार के लाखों नए अवसर सृजित करने वाली भी होगी। इस समिट का सबसे बड़ा लाभ हमारे युवाओं को मिलेगा। नौकरी और रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों की ओर पलायन के लिए हमारे युवा अब विवश नहीं होंगे।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) से पहले देश और विदेश में हुए रोड शो में निवेशकों की ओर से अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला है। 16 देशों के 21 शहरों में आयोजित रोड शो में हमें सात लाख 12 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले। पूरी दुनिया के उद्योग जगत ने उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए उत्साह जताया है। यह समिट अभूतपूर्व होने जा रहा है।
प्रधानमंत्री के कर-कमलों से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) का 10 फरवरी को शुभारंभ होगा। इस मुख्य समारोह से सभी जिलों को जोड़ा जाएगा। जिलों के कार्यक्रम में स्थानीय उद्यमियों, निवेशकों को आमंत्रित किया जा रहा है। इस बार एक दिन- एक साथ प्रदेश के सभी 75 जिलों में निवेश होगा। यह कार्यक्रम युवाओं के लिए है, इसलिए जिलों के इस कार्यक्रम में स्थानीय विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के युवाओं को भी आमंत्रित किया जाएगा।
विश्वविद्यालयों में भ्रमण कर सरकार की महात्वाकांक्षी योजनाओं से छात्रों को अवगत कराया जाना चाहिए। जिन जनपदों में कोई विश्वविद्यालय अवस्थित नहीं है वहां महाविद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए।