काठमांडू। बीते दिन नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने संसद भंग करने का फैसला लिया था। इस फैसले के चलते पूरे दुनिया हैरान थी। अब प्रधानमंत्री ओली को संसद भंग करने का फैसला भारी पड़ता नजर आ रहा है। पीएम ओली के इस फैसले का उनकी ही पार्टी में विरोध हो रहा है। अघोषित रूप से दो फाड़ हो चुकी सत्तारूढ़ दल के प्रचंड-नेपाल गुट ने पीएम ओली को संसदीय दल के नेता के पद से भी हटा दिया है। उनकी जगह पार्टी के इस गुट ने सर्वसम्मति से पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को नया संसदीय दल का नेता घोषित किया है।
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करीब 31 महीने पहले अस्तित्व में आई दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी के दोनों धड़े अब खुद को ‘असली पार्टी’ बताने में जुट गए हैं। नेपाल में ‘प्रचंड’ नीत खेमे ने मंगलवार को केंद्रीय समिति की बैठक के बाद प्रधानमंत्री ओली को नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष पद से हटाने और पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोप में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की घोषणा की।
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इससे पहले, ओली ने संगठन पर अपनी पकड़ को मजबूत करने के उद्देश्य से मंगलवार को पार्टी की आम सभा के आयोजन के लिए 1199 सदस्यीय नई समिति का गठन किया था। दोनों ही धड़ों ने सेंट्रल कमिटी की राजधानी काठमांडू में अलग-अलग बैठक की है। इस ताजा संकट में भी एक बार फिर से चीनी राजदूत हाओ यांकी कूद पड़ी हैं और उन्होंने नेपाली राष्ट्रपति से मुलाकात की है।