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वोकल फॉर लोकल का फिर PM ने दोहराया नारा, बोले- खादी स्टोर से एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा बिक्री

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सुबह 11 बजे मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। यह इस रेडियो प्रोग्राम का 79वां एपिसोड है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो ओलिम्पिक और वीर सपूतों को याद किया इसके साथ ही एक बार फिर वोकल फॉर लोकल का नारा दोहराया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि रोज के कामकाज करते हुए भी हम राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं, जैसे वोकल फॉर लोकल। हमारे देश के स्थानीय उद्यमियों, आर्टिस्टों, शिल्पकारों, बुनकरों को सपोर्ट करना, हमारे सहज स्वभाव में होना चाहिए। 7 अगस्त को आने वाला नेशनल हैंडलूम डे, एक ऐसा अवसर है जब हम प्रयास पूर्वक भी ये काम कर सकते हैं । इस दिन के साथ बहुत ऐतिहासिक पृष्ठभूमि जुड़ी हुई है। इसी दिन, 1905 में स्वदेशी आंदोलन की शुरूआत हुई थी। हमारे देश के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में हैंडलूम कमाई का बहुत बड़ा साधन है । ये ऐसा क्षेत्र है जिससे लाखों महिलाएं, लाखों बुनकर, लाखों शिल्पी जुड़े हुए हैं । आपके छोटे-छोटे प्रयास, बुनकरों में एक नई उम्मीद जगाएँगे। आप स्वयं कुछ-न-कुछ खरीदें, और अपनी बात दूसरों को भी बताएं और जब हम आजादी के 75 साल मना रहे हैं, तब तो, इतना करना हमारी जिम्मेवारी बनती ही है भाइयो।

 

खादी स्टोर से एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा बिक्री

साल 2014 के बाद से ही ‘मन की बात’ में हम अक्सर खादी की बात करते हैं । ये आपका ही प्रयास है कि आज देश में खादी की बिक्री कई गुना बढ़ गई है। क्या कोई सोच सकता था कि खादी के किसी स्टोर से एक दिन में एक करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री हो सकती है !, लेकिन आपने ये भी कर दिखाया है। आप जब भी कहीं पर खादी का कुछ खरीदते हैं, तो इसका लाभ, हमारे गरीब बुनकर भाइयो- बहनों को ही होता है । इसलिए खादी खरीदना एक तरह से जन-सेवा भी है, देश सेवा भी है | मेरा आपसे आग्रह है कि आप सभी मेरे प्यारे भाइयो बहनों ग्रामीण इलाकों में बन रहे हैंडलूम प्रोडक्ट जरूर खरीदें और उसे #MyHandloomMyPride के साथ शेयर करें।

 

गांधी के भारत छोड़ो की तर्ज पर भारत जोड़ो अभियान चले

बात जब आजादी के आंदोलन और खादी की हो तो पूज्य बापू का स्मरण होना स्वाभाविक है। जैसे बापू के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन चला था, वैसे ही आज हर देशवासी को भारत जोड़ो आंदोलन का नेतृत्व करना है। ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपना काम ऐसे करें जो विविधताओं से हमारे भारत को जोड़ने में मददगार हो । तो आइए, हम अमृत महोत्सव को ये अमृत संकल्प लें कि देश ही हमारी सबसे बड़ी आस्था, सबसे बड़ी प्राथमिकता बना रहेगा। नेशन फस्ट, आलवेज फस्ट के मंत्र के साथ ही हमें आगे बढ़ना है।

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