लखनऊ जेल में बंद पीएफआई कैदियों से मिलने आईं 4 संदिग्ध महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि यह महिलाएं फर्जी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट के साथ मिलने आए थी। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जा रही। महिलाएं फर्जी आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट लगाकर और अन्य दस्तावेजों के साथ मिलने आई थीं। जांच के दौरान जेलर ने गलती पकड़ ली।
जेलर अजय राय के मुताबिक फरवरी महीने में एटीएस ने पीएफआई के सदस्य केरल निवासी असंद बदरूद्दीन व फिरोज को गिरफ्तार किया था। दोनों को गोसाईंगंज जेल में बंद किया गया है। रविवार को इन दोनों आरोपियों से मिलने केलिए परिवार की चार महिलाएं, पांच बच्चे अपने दो वकील के साथ पहुंची थी। कोविड संक्रमण के कार जेल में मिलने पर प्रशासन ने आरटीपीसीआर रिपोर्ट जरूरी कर दिया।
जानकारी के मुताबिक पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कश्मीर के रहने वाले बदरुद्दीन और फिरोज को विस्फोट के साथ एटीएस ने पकड़ा था। गिरफ्तारी के बाद इन आरोपियों को जेल भेज दिया गया था।
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पीएफआई कैदियों से मिलने आई चार महिलाओं ने आरटी- पीसीआर की रिपोर्ट पेश की तो शक होने पर जेलर को सूचना दी गयी। हालांकि जेलर ने जब गुड़गावं स्थित लैब पर सूचना मांगी तो पाया कि उनकी लैब में एक ही रिपोर्ट आई थी सैम्पल के लिए। अन्य तीन को लेकर कोई और रिपोर्ट जारी नहीं की गई।
जेलर ने लखनऊ पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने महिलाओं के खिलाफ मुकदमा लिख लिया है और अन्य दस्तावेज लेकर जांच की जा रही है। लखनऊ जेल के जेलर अजय राय के मुताबिक, महिलाएं 4 पीएफआई के कैदियों से मिलने आयी थी चुकी मिलने के लिए आरटी-पीसीआर रिपोर्ट साथ होनी जरूरी होती है। जब चेक किया गया तो पाया गया कि महिलाएं अपने साथ फर्जी रिपोर्ट लेकर आई थीं। पुलिस को सूचना देकर मुकदमा लिख लिया गया है।
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23 सितम्बर को दोनों कैदियों की पेशी थी जिसे लेकर कमिश्नर का अलर्ट था। जिसके बाद पेशी जेल में रहकर की गई थी। ऐसे में 4 महिलाएं जब मिलने आईं तो गहनता से पूछताछ की गई। एसीपी गोसाईगंज स्वेता चौधरी के मुताबिक, महिलाएं फर्जी रिपोर्ट लेकर जेल पहुंची थी, जिसपर मुकदमा दर्ज किया गया है और अन्य दस्तावेजों के साथ जांच की जा रही है।