कानपुर। विकास और उसके गुर्गों ने पुलिस के चुंगल में आने से पहले अपने-अपने मोबाइल का सारा डाटा डिलीट कर दिया था। अब पुलिस विशेषज्ञों की मदद से इनके डाटा फिर से हासिल (रिट्रीव) कर सबूत इकट्ठा कर रही है।
इसमें सफलता मिलने के साथ ही घटना वाले दिन की तमाम वायस रिकॉर्डिंग, फोटो और वीडियो मिल रहे हैं। इन्हें केस का हिस्सा बनाकर विवेचना में शामिल किया जाएगा। 2 जुलाई को बिकरू कांड से 10 जुलाई को विकास के एनकाउंटर तक जांच में पुलिस को नौ मोबाइल अलग-अलग आरोपितों से प्राप्त हुए।
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इनमें विकास का भी एक फोन है। किसी भी फोन में कॉल डीटेल लिस्ट, कॉनटैक्ट लिस्ट, फोटो आदि नहीं मिले। इस पर तकनीकी तौर पर मजबूत अफसरों की एक टीम बनाई गई, जो एथिकल हैकरों के सम्पर्क में हैं।
इसके अलावा आगरा और लखनऊ में भी पुलिस फोर्स के लिए काम करने वाले विशेषज्ञों की मदद ली गई। इसके बाद इन फोन का काफी डाटा मिल रहा है। अब तक मिले डाटा में से ऑडियो क्लिपिंग और फोटो तो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो चुकी हैं।
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक पूरा गिरोह बहुत शातिर था मोबाइल का डाटा डिलीट कर हैंडसेट खाली छोड़े थे। उनका डाटा रिकवर कराया जा रहा है। बहुत जल्द पुलिस के पास बहुत सारी सूचनाएं होंगी।