राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम सेक्टर एच में शुक्रवार देर रात अधिवक्ता राम प्रकाश सिंह के घर जानकीपुरम थाने की क्राइम टीम ने छापेमारी की। छापेमारी के दौरान घर में तोड़फोड़ कर फायरिंग की। घटना से आक्रोशित सैकड़ों अधिवक्ताओं ने पुलिस टीम पर 11.50 लाख रुपये व अन्य कीमती सामान लूट का आरोप लगाकर गुडंबा थाने का घेराव कर शनिवार दोपहर घंटों हंगामा किया। वहीं, बवाल बढ़ता देख डीसीपी उत्तरी ने दबिश देने गए दारोगा और सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया। पुलिस टीम का दावा है कि वह अधिवक्ता के घर छुपे जानलेवा हमले के आरोपित को पकड़ने के लिए गई थी।
अधिक्ता राम प्रकाश सिंह जानकीपुरम सेक्टर एच में रहते हैं। शुक्रवार देर रात घर पर काम करने वाला सूरज खाना बना रहा था। जबकि चालक सूरज सिंह गेट के बाहर खड़ा था। इस बीच सादे कपड़ों में जानकीपुरम थाने की क्राइम टीम से दारोगा सुधांशु और सिपाही राधा रमण समेत अन्य पुलिस कर्मी गाड़ी से उतरे और खुली पिस्टल लेकर घर के अंदर दौड़े। दरवाजा बंद किया तो वह तोड़ दिया। इसके बाद धड़धड़ाते हुए घर के अंदर घुसे और तोड़फोड़ करने लगे। उन्होंने जानलेवा हमले के आरोपित वीरू पटेल के घर में छुपे होने की बात पूछी। मना करने पर गाली-गलौज करने लगे। पुलिस टीम ने चेंबर का फर्नीचर तोड़ दिया। इसके साथ ही अलमारी और बक्सों के ताले तोड़ डाले। घर में रखी 11.50 नकदी व अन्य कीमती सामान लूट लिया। पुलिस कर्मियों ने पिस्टल और रिवाल्वर की बट राम प्रकाश, सूरज और सूरज सिंह को पीटा। जाते समय स्कार्पियो कार के टायरों में सूजा घोप दिया। कई राउंड फायरिंग की। घटना से इलाके में दहशत फैल गई।
प्रदेश का यह जिला है अवैध शराब का हाटस्पाट
पुलिस टीम के जाने के बाद घटना की जानकारी साथी अधिवक्ता दिलीप सिंह समेत अन्य और जानकीपुरम, गुडंबा पुलिस को दी। दोनों थानों के प्रभारी और पुलिस अधिकारी पहुंचे। उन्होंने सीसी कैमरे की फुटेज में पुलिस टीम की हरकत देखी। शनिवार दोपहर सैकड़ों अधिवक्ताओं ने दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर गुडंबा थाने का घेराव किया। घंटों हंगामा करते रहे।
पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाकर शांत कराया। डीसीपी उत्तरी ने बताया कि दारोगा सुधांशु और सिपाही राधा रमण को लाइन हाजिर कर दिया गया है। वहीं, पूरे मामले की जांच एसीपी गाजीपुर को सौंपी गई है। इंस्पेक्टर गुडंबा फरीद अहमद ने बताया कि अधिवक्ताओं की तहरीर पर पूरे मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि दबिश देने के पूर्व जानकीपुरम की क्राइम टीम ने उन्हें भी सूचना नहीं दी थी।
कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों की ‘नाथ’ बनी योगी सरकार
इंस्पेक्टर जानकीपुरम कुलदीप सिंह गौर के मुताबिक जिस मामले के आरोपित वीरू पटेल को पकड़ने के लिए दारोगा सुधांशु टीम के साथ दबिश देने के लिए पहुंचे थे। उनके पास उस मामले की विवेचना भी नहीं थी। उन्होंने न तो इंस्पेक्टर जानकीपुरम कुलदीप सिंह गौर और न ही घटनास्थल क्षेत्र गुडंबा के इंस्पेक्टर फरीद अहमद को मामले की जानकारी दी थी। उन्हें बिना इंस्पेक्टर की जानकारी के दबिश देने का कोई औचित्य नहीं था। वहीं, आरोपित वीरू पटेल ने दो दिन पहले ही हाई कोर्ट से अरेस्ट स्टे ले रखा था।