इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के घर पुलिस नॉन बेलेबल वारंट लेकर पहुंची है। उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है। कोर्ट ने पुलिस से कहा है कि उन्हें 7 मार्च तक पेश किया जाए। बताया जा रहा है कि इमरान के समर्थकों और पुलिस के बीच धक्का मुक्की हुई है। इमरान के समर्थकों का जमावड़ा उनके आवास के बाहर देखने को मिल रहा है।
बता दें कि एडीशनल सेशन जज जफर इकबाल ने 28 फरवरी को संघीय राजधानी में पूर्व प्रधानमंत्री को गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इस सिलसिले में इस्लामाबाद पुलिस रविवार को तोशखाना मामले में गिरफ्तारी वारंट के साथ इमरान खान के जमां पार्क स्थित आवास पर पहुंची थी।
इधर, पीटीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष फवाद चौधरी ने ट्वीट कर कहा है कि कोर्ट का वारंट हाजिरी के लिये था। गिरफ्तारी की पुलिस की कोशिश अवैध थी।
तोशखाना मामले में सुनवाई के लिए नहीं पहुंचे थे इमरान (Imran Khan)
बता दें कि बीते 28 फरवरी को कई मामलों में इमरान की पेशी हुई, अलग-अलग कोर्ट में सुनवाई हुई। कई जगहों से तो उनके लिए राहत रही, लेकिन तोशखाना मामले में उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई। कोर्ट ने इमरान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था।
असल में 28 फरवरी को इमरान खान (Imran Khan) को चार अलग-अलग मामलों में पेश होना था। वे बाकी जगह तो सुनवाई के लिए पहुंच गए, लेकिन तोशखाना मामले के दौरान सुनवाई में शामिल नहीं हुए।
क्या है तोशाखाना मामला?
तोशाखाना कैबिनेट का एक विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों, राष्ट्रप्रमुखों और विदेशी मेहमानों द्वारा दिए गए बेशकीमती उपहारों को रखा जाता है। नियमों के तहत किसी दूसरे देशों के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले उपहारों को तोशाखाना में रखा जाना जरूरी है।
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इमरान खान (Imran Khan) 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे। उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे। उन्हें कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करा दिया था। लेकिन इमरान खान ने बाद में तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बकायदा कानूनी अनुमति दी थी।