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शर्मनाक! छेड़छाड़ की शिकार नाबालिग के थाने में आरोपी के सामने उतरवाए कपड़े

Molestation

Molestation

कानपुर। छेड़छाड़ (Molestation) की शिकार मेरी बेटी के साढ़े थाने में जांच के नाम पर आरोपी के सामने कपड़े उतरवाए गए। महिला कांस्टेबल ने फोटो भी खींचे। घटना से मेरी बेटी इस कदर डर गई कि उसे दौरे पड़ने लगे। तीन दिन से हैलट अस्पताल में भर्ती है। यह पीड़ा साढ़ थाना क्षेत्र निवासी किसान पिता की है।

कानपुर में घाटमपुर के साढ़ थाना छेत्र के एक गांव की छात्रा ने कॉलेज जाते समय गांव के युवक पर छेड़खानी करने की शिकायत की थी। साढ़ पुलिस ने तीन सितंबर को पॉस्को एक्ट के साथ छेडछाड़ (Molestation) सहित विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर शोहदे को गिरफ्तार किया था।

इसके बाद पीड़िता के पिता का आरोप है कि थाने के अंदर महिला कांस्टेबल के द्वारा शोहदे के सामने कपड़े उतार कर बेइज्जत किया गया। इससे बेटी अवसादग्रस्त होने के बाद कोमा में चली गई। उसका इलाज बीते तीन दिन से हैलट में चल रहा है। पीड़िता के पिता का आरोप है की शोहदा पूर्व प्रधान का भतीजा है।

साढ़ थाना के एक गांव निवासी व्यक्ति ने बताया की बेटी एक डिग्री कॉलेज में अध्यनरत है। गांव का ही एक युवक पीछा कर छेड़छाड़ (Molestation) करता है। इस पर शिकायत करने के बाद साढ़ पुलिस ने शोहदे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन जांच की बात कहकर बेटी को साढ़ थाने बुलाया।

हैलट में चल रहा है पीड़िता का इलाज

इसके बाद शोहदे के सामने ही महिला कांस्टेबल ने बेटी के कपड़े उतरवा दिए। शोहदे के सामने महिला कांस्टेबल द्वारा अपमानित होने से बेटी अवसादग्रस्त होने के बाद कोमा में चली गई। इससे उसकी हालत बेहद गंभीर हो गई। उसका हैलट में इलाज चल रहा है।

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एडीसीपी बोलीं- आरोप निराधार और बेबुनियाद

इधर एडीसीपी कानपुर अंकित शर्मा ने बताया कि किशोरी के पिता के द्वारा महिला कांस्टेबल के ऊपर लगाए गए आरोपों की जांच स्वयं और एसीपी घाटमपुर द्वारा की जा रही है। प्रथम दृष्टया पुलिस पर आरोप निराधार और बेबुनियाद पाए गए हैं। अग्रिम जांच की जा रही है।

अभियोग पंजीकृत कर युवक को किया था गिरफ्तार

साढ़ प्रभारी निरीक्षक सतीशचंद्र राठौर ने बताया शिकायत मिलते ही शोहदे के खिलाफ छेड़छाड़ पास्को एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत करने के बाद गिरफ्तार किया गया था।  विधिक कार्रवाई करने के बाद साढ़ से थाना से युवक को छोङ दिया गया। पीड़िता के पिता द्वारा महिला कांस्टेबल के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार और बेबुनियाद है।

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