पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी प्रमुख सियासी दलों ने चुनावी गुणा-गणित बैठाना शुरू कर दिया है। बात करें मुख्य विपक्षी दल आरजेडी की तो पिछले 30 साल से पार्टी की जीत में मुस्लिम-यादव फैक्टर अहम रोल निभाता रहा है। सूबे में 17 फीसदी मुस्लिम और 14 फीसदी यादव वोटर हैं, जिनका चुनाव में अहम योगदान रहता है।
आयरलैंड के कृषि मंत्री का इस्तीफा, कोरोना प्रतिबंधों का किया था उल्लंघन
आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे हैं। आरजेडी प्रमुख की गैरहाजिरी में आरजेडी के वोटबैंक में सेंधमारी तैयारी शुरू हो गई है। मुस्लिम और यादव यानी एमवाई समुदाय को आमतौर पर आरजेडी का वोटबैंक माना जाता है। ऐसे में जेडीयू आरजेडी के इसी वोटबैंक में सेंध लगाने की जुगत में है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन और उनकी पत्नी कोरोना पॉजिटिव
फिलहाल लालू प्रसाद यादव की अनुपस्थिति में उनके बेटे तेजस्वी यादव अहम रणनीति बना रहे हों और आरजेडी की कमान अपने हाथों में ले रखी हो, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या वह पार्टी को एकजुट रखने में असफल साबित हो रहे हैं? क्योंकि महज एक सप्ताह के भीतर उनके छह विधायक पार्टी छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए हैं।