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बंगाल में राजनीतिक हिंसा का दौर जारी, TMC समर्थक महिलाओं पर कर रहे हमले

bengal voilence

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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद से ही राज्य में राजनीतिक हिंसा का दौर शुरू हो गया था। जो अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। डर के मारे जान हथेली पर लेकर लोग अपना घर-बार, पशुधन सब कुछ छोड़कर एक वस्त्र में भागकर असम चले आए। करीब 500 से अधिक भाजपा समर्थक पश्चिम बंगाल तथा आसपास के इलाकों को छोड़कर असम के धुबरी जिला में शरण लिए हुए हैं।

मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में अब तक राजनीतिक हिंसा जारी है। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कई भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गयी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हिंसा पर चिंता जताई है। इस समय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दो दिवसीय बंगाल दौरे पर हैं। राज्य में हिंसा, हत्या, बर्बरता, आगजनी, लूटमार और हत्या बेरोकटोक जारी है। भाजपा के कई ऑफिस को जला दिया गया है। घर में घुसकर मारपीट और लगातार धमकी दी जा रही है। महिलाओं को भी निशाना बनाकर टीएमसी कार्यकर्ता महिलाओं के साथ गाली गलौज कर रहे हैं।

असम में शरण लेने पहुंची महिलाओं ने अपनी आपबीती बताई। उन्होंने कहा कि पुरुष के साथ-साथ महिलाओं पर अत्याचार किया गया। गंदी-गंदी गालियां दी जा रही हैं, उन्हें मारा-पीटा गया। घर बार तोड़कर धन-संपत्ति लूटमार किया गया और पश्चिम बंगाल न छोड़ने पर जान से मार डालने की धमकी दी गयी। जिसके कारण वे अपना गांव, घर, पशुओं को छोड़कर वे सब असम चले आए। महिलाओं ने कहा कि उनका भविष्य अब अनिश्चिता में घिर गया है। इनमें से कई लोगों ने असम में रहने वाले अपने सगे संबंधियों के घर में शरण लिया है।

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उधर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल समर्थकों के गुंडों ने उनके कई कार्यकर्ताओं की हत्या की है, लूटमार और महिलों पर हमला किया है। घर में तोड़फोड़ की गयी। भाजपा कार्यकर्ताओं की दुकानें जला दी गईं। पार्टी कार्यालय में उत्पात मचाने के साथ ही उसमें आग लगा दी गई। वहीं तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों से इंकार कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के राजनीतिक हिंसा के कारण पश्चिम बंगाल से भाग कर अपनी जान बचाने के लिए लोग तीन दिनों से धुबरी जिला के आगमनी सीमावर्ती इलाके रंगपगली में शरण लिए हुए हैं। पश्चिम बंगाल के तूफानगंज विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत झावकुटी और गोपालेरकुटी गांव के भाजपा समर्थक व कार्यकर्ताओं पर मतगणना के बाद हमले किये जा रहे हैं। इस प्रकार अत्याचार से जान हथेली पर लेकर लोग भागकर असम में आ गए हैं।

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वर्तमान समय में पूरा देश कोविड संक्रमण से जूझ रहा है, ऐसे समय में इन असहाय लोग राजनीतिक हिंसा के शिकार हो रहे हैं और उन पर अत्याचार किये जा रहे हैं। स्वाधीनता के बाद देश के बंटवारे के समय जिस तरह से लोग अपना घर बार छोड़कर भागे थे, उसी तरह से वर्तमान समय में भी लोगों को भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है। अब सभी को असम में भोजन और आश्रय दिया जा रहा है।

कोरोना संक्रमण के दौर में दूसरे राज्यों से भारी संख्या में आने वाले लोगों के कारण संक्रमण फैलने के खतरे से लोग चिंतित हो रहे हैं। क्योंकि बिना कोविड- परीक्षण के इतने लोगों के आगमन ने लोगों को डरा कर रख दिया है। मालूम हो कि बीते तीन दिन में असम में शरण लेने वाले लोगों की धुबरी जिला प्रशासन ने कोविड परीक्षण करने की व्यवस्था की है।

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