उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद कंवरदीप सिंह को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। पूर्व राज्यसभा सांसद फ़िलहाल तिहाड़ जेल में हैं।
कानपुर में दर्ज पोंजी स्कीम में निवेश से जुड़े इस मामले में पूछताछ होनी है। ईओडब्ल्यू ने कंवरदीप सिंह को दिल्ली से यूपी लाने के लिए न्यायालय से रिमांड मांगी है।
दरअसल कानपुर नगर कोतवाली में 291 लोगों से करोड़ों की धोखाधड़ी मामला दर्ज किया गया था। सितंबर, 2019 में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। आरोप था कि मोटे मुनाफे का लालच देकर 10 हज़ार से ज़्यादा लोगों से क़रीब 1000 करोड़ रुपये का निवेश कराया गया था। बता दें कंवरदीप को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इसी साल दिल्ली से गिरफ़्तार किया था। वह इस समय तिहाड़ जेल में है। कानपुर में दर्ज मामले की जांच यूपी सरकार ने ईडी को दी है। यही नहीं इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश भी सरकार ने की है।
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दरअसल 2019 में कानपुर के रहने वाले पवन मिश्रा की तरफ से सतेंद्र कुमार सिंह, सचेता खेमका, जय श्रीप्रकाश सिंह, बृज मोहन महाजन, छत्रपाल, नरेंद्र सिंह रानावत और नंदकिशोर सिंह के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई। आरोप था कि इन्होंने पहले मोटे मुनाफे का लालच देकर जमीनों में रुपये निवेश कराए फिर इन रुपयों को हड़प लिया।
आरोप है कि पूर्व सांसद की 11 कंपनियों के माध्यम से केवल कानपुर के ही 10 हजार से अधिक लोगों से निवेश कराए गए। ये ठगी यूपी ही नहीं पश्चिम बंगाल, दिल्ली, बिहार, मध्य प्रदेश और पंजाब तक के लोगों से की गई। 2019 में इस मामले को ईओडब्ल्यू को सौंपते हुए मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की गई थी। सीबीआई ने अभी इस मामले को नहीं लिया है।