नई दिल्ली। ऑनलाइन पोर्न को लेकर वेटिकन सिटी कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च ईसाई धर्म गुरु पोप फ्रांसिस (Pope Francis) ने लोगों को चेताया है। पोप फ्रांसिस ने कहा कि नन और प्रीस्ट (पुरोहित) भी मोबाइल में पोर्न देखते हैं। उन्होंने आगे कहा कि ऑनलाइन पोर्नोग्राफी देखने से मन में शैतानियत बसने लगती है। साथ ही पोप फ्रांसिस ने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि पोर्न देखने की चाह इंसान की पवित्र आत्मा को कमजोर बना देती है।
पोप फ्रांसिस (Pope Francis) ने रोम में पढ़ाई कर रहे पादरियों को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। पोप फ्रांसिस से पूछा गया था कि डिजिटल या सोशल मीडिया का सबसे अच्छा इस्तेमाल किस तरह किया जाना चाहिए।
ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जाना चाहिए लेकिन इस पर जरूरत से ज्यादा वक्त बर्बाद नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, काफी संख्या में लोग डिजिटल पोर्न देख रहे हैं, जिसमें प्रीस्ट और नन तक शामिल हैं। पोप फ्रांसिस ने आगे कहा कि वह क्रिमिनल पोर्नोग्राफी (चाइल्ड पोर्नग्राफी) की बात नहीं कर रहे हैं, वह तो नैतिक पतन का संकेत है ही। उनकी बातों का ज्यादा मतलब सामान्य पोर्नोग्राफी से है, जो डिजिटल माध्यम से हर जगह उपलब्ध है।
वहीं पोप फ्रांसिस ने कहा कि सोशल मीडिया या इंटरनेट की दुनिया का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए, लेकिन उस पर बहुत ज्यादा समय नहीं बिताना चाहिए। पोप फ्रांसिस ने बताया कि उनके पास एक भी मोबाइल फोन नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि मोबाइल का इस्तेमाल एक-दूसरे से अच्छे संवाद में किया जाना चाहिए।
पोप फ्रांसिस (Pope Francis) की सलाह- फोन से कर दें डिलीट
ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने कहा कि डिजिटल पोर्नोग्राफी के जरिए इंसान के दिल में शैतान आता है। पोप फ्रांसिस ने कहा कि एक साफ दिल जिसमें जीजस रहते हों, वो कभी पोर्न नहीं देखेगा। पोप फ्रांसिस ने आगे वहां मौजूद लोगों को सलाह देते हुए कहा कि इस तरह की सभी चीजें फोन से डिलीट कर दीजिए, जिससे तुम्हारे हाथ में प्रलोभन का जरिया ही ना रहे।
पोप फ्रांसिस ने कहा कि इस तरह की चीजें इंसान की आत्मा को कमजोर कर देती हैं। वहीं पोप फ्रांसिस ने खबरों और संगीत को लेकर भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि जरूरत से ज्यादा खबरें देखने या संगीत सुनने की वजह से इंसान का मन अपने काम से हट जाता है। इसलिए इन सभी चीजों को सीमा में रखना चाहिए।
वहीं अपने संबोधन के दौरान पोप फ्रांसिस ने कहा कि अगर कोई अपनी पढ़ाई या काम में ज्यादा व्यस्त है, तो भी ऐसे लोगों से जुड़े रहना जरूरी है, जो ईश्वर में आस्था रखते हैं। वहीं विज्ञान और आस्था के बीच संबंध के सवाल पर पोप फ्रांसिस ने कहा कि विश्वास होने का यह मतलब नहीं है कि सभी चीजों का जवाब आपके पास हो। हालांकि, पोप फ्रांसिस ने कहा कि आस्था रखने वाले इंसान को विज्ञान को लेकर अपनी सोच को खुला रखना चाहिए।