मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में औरंगजेब को लेकर शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सपा प्रदेश अध्यक्ष अबु आजमी द्वारा मुगल शासक के शासनकाल की तारीफ किए जाने के बाद कई दक्षिणपंथी संगठन काफी नाराज हैं। जिसके चलते संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब के मकबरे (Aurangzeb’s Tomb) पर भीड़ के हमला बोलने और उसको ढहा देने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गयी है।
दरअसल, पिछले दिनों सपा नेता अबू आजमी ने औरंगजेब के शासनकाल को बेहतर शासनकाल बताया था। जिसके बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। अब यह विवाद इतना बिगड़ गया है कि छत्रपति संभाजीनगर शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर खुलताबाद में स्थित औरंगजेब के मकबरे (Aurangzeb’s Tomb) पर ही खतरा मंडराने लगा है। महायुति के कई नेताओं ने यहां तक कह दिया है कि औरंगजेब के मकबरे को तो खत्म ही कर देना चाहिए और उसके लिए महाराष्ट्र की धरती पर जगह नहीं है।
औरंगजेब विवाद पर पिछले दिनों सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि वह भी औरंगजेब के मकबरे (Aurangzeb’s Tomb) को खत्म करने के पक्ष में हैं, लेकिन ऐसा करने में कांग्रेस ने अड़चन खड़ी की है। उसने अपने शासनकाल के दौरान इस मकबरे को एएसआई के हवाले कर दिया था। ऐसे में वह संरक्षित साइट बन गई है और उसे खत्म करना उतना आसान नहीं है। इसके बाद कई हिन्दूवादी संगठन बाबरी मस्जिद की तरह औरंगजेब के मकबरे को ढहाने की धमकी दे रहे हैं। ऐसे में पुलिस अलर्ट पर है।
पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर औरंगजेब के मकबरे के लिए सीधी एंट्री पर रोक लगा दी गई है। मकबरे के ठीक बाहर स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। खुलताबाद के पुलिस इंस्पेक्टर धनंजय फराटे का कहना है कि गाड़ियों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है। लेकिन मकबरे की ओर जाने वाली गाड़ियों पर नज़र रखने के लिए बैरिकेड्स लगाए गए हैं। इससे ट्रैफिक धीमा हो जाता है और निगरानी आसान हो जाती है। एसआरपीएफ का एक दस्ता चौबीस घंटे निगरानी कर रहा है। छह पुलिसकर्मी लगातार मकबरे की सुरक्षा में तैनात हैं।