लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बढ़ती गर्मी के बीच बिजली संकट (Power Crisis) शुरू हो गया है। राज्य के ग्रामीण इलाकों में अब छह घंटे तक बिजली की कटौती (Power cut) शुरू हो गई है। हालांकि ये कटौती रात के वक्त की जा रही है।
बताया जा रहा है कि राज्य में कोयला संकट का असर अब प्रदेश की बिजली उत्पादन इकाइयों पर पड़ने लगा है। जिसके कारण कम बिजली का उत्पादन हो रहा है। जानकारी के मुताबिक हरदुआगंज की 110 मेगावाट की यूनिट नंबर-सात से उत्पादन बंद हो गया है। जबकि परिछा, ओबरा, हरदुआगंज में कोयले का स्टॉक कम हो गया है और इसके कारण बिजली उत्पादन 25 फीसदी कम हो गया है। जानकारों का कहना है कि यदि कोयला नहीं मिला तो आने वाले दिनों में राज्य में बिजली उत्पादन और ज्यादा गिर सकता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में मांग की तुलना में बिजली का उत्पादन कम है और सरकार पावर एक्सचेंज से बिजली खरीद कर जरूरतों को पूरा कर रही है। राज्य में बिजली का उत्पादन कम होने और बिजली नहीं मिलने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रात के समय 4 से 6 घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है। असल में राज्य के बिजली प्लांट को कोयला नहीं मिल रहा है। जिसके कारण उत्पादन कम हो रहा है।
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रिपोर्ट के मुताबिक कोयले की कमी के कारण हरदुआगंज में 3.060 मिलियन यूनिट, परिछा में 6.225 मिलियन यूनिट और ओबरा में 3.760 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन कम हो रहा है। राज्य विद्युत उत्पादन निगम की इन यूनिटों से कुल 13045 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन हो रहा है।
गांवों में हो रही बिजली की कटौती
जानकारी के मुताबिक राज्य के ग्रामीण इलाकों में बिजली की कटौती की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 20 अप्रैल को बिजली निगम ने गांवों की 13.45 घंटे, नगर पंचायतों को 16.41 घंटे, तहसीलों को 18.53 घंटे और जिला और मंडल मुख्यालयों को 24 घंटे बिजली मुहैया कराई थी। लिहाजा समझा जा सकता है कि राज्य में बिजली कटौती शुरू हो गई। हालांकि लखनऊ समेत बड़े शहरों में बिजली कटौती ज्यादा नहीं की जा रही है। लेकिन ग्रामीण इलाकों में बिजली की कटौती जारी है।