संतकबीरनगर। उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की 72 घण्टे के कार्य बहिष्कार से संतकबीरनगर जिले की विद्युत आपूर्ति (Power supply) लड़खड़ा गई है। हड़ताल के कारण जिले के 11 विद्युत उपकेन्द्र पूर्ण रूप से बंद रहे जिसके कारण सैकड़ों गांव में विद्युत सप्लाई न होने से अंधेरा छाया हुआ है।
जिलाधिकारी संदीप कुमार ने खलीलाबाद समेत अन्य कई उपकेंद्रों का निरीक्षण करते हुए विद्युत विभाग के अधिकारियों से आपूर्ति (Power supply) सुचारु रूप से करने का निर्देश दिया है। उन्होंने यहां बताया कि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत आईटीआई के अनुदेशकों एवं प्रशिक्षु छात्रों को उपकेंद्रों पर तैनात किया गया है। साथ ही हड़ताली कर्मचारियों को हड़ताल वापस लेने को कहा गया है।
उन्हें आगाह किया गया है कि विद्युत आपूर्ति बाधित करने पर एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ विद्युत विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 33/11 केवी व उपकेंद्र बखिरा, उप केंद्र मेहदावल ग्रामीण, उपकेंद्र पचपोखरी, उप केंद्र हरिहरपुर के 04 फीडर बंद हैं। 33/11 केवी उप केंद्र मुखलिसपुर, उप केंद्र मोलनापुर, उप केंद्र करमाखान, उप केंद्र बौर व्यास, उपकेंद्र हैंसर, उपकेंद्र धनघटा तथा उप केंद्र कुशहरा पूर्ण रूप से बंद है।
इन उप केन्द्रों के पूर्ण रूप से बंद होने के कारण उक्त उप केन्द्रों के सम्पर्क में आने वाले सभी गांवों में विद्युत सप्लाई पूरी तरह से ठप है जिसके कारण उक्त गांवों में लोगों के अंधेरा छाया हुआ है।
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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सह संयोजक सुनील प्रजापति ने कहा कि बिजली कर्मियों का उद्देश्य हड़ताल कदापि नहीं है। हड़ताल उन पर थोपी जा रही है। यदि समझौते का क्रियान्वयन व अन्य न्यायोचित मांगों के सार्थक समाधान हो जाय तो बिजली कर्मी पूरी निष्ठा से दिन-रात कार्य कर प्रदेश को बिजली आपूर्ति के मामले में शीर्ष दर्जा दिलाने में सक्षम हैं।