नई दिल्ली| रेहड़ी-पटरी वालों की मदद के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अब तक 90 प्रतिशत से अधिक ऋण मंजूर किया है। यह दावा किया है ।वित्त मंत्रालय ने। मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी को देखते हुये लगाये गये लॉकडाउन के बाद इन लोगों को इससे अपना कामकाज फिर शुरू करने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालो कें लिए आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना एक जून को शुरू की थी। इससे कोविड-19 से प्रभावित गरीब रेहड़ी-पटरी वालों को अपनी आजीविका की गतिविधियों को फिर शुरू करने में मदद मिलेगी।
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इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों के रेहड़ी-पटरी वालों को एक साल के लिए 10,000 रुपये का ऋण बिना किसी गारंटी के उपलब्ध कराया जा रहा है। यह योजना 20.97 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज का हिस्सा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में इस पैकेज की घोषणा की थी।
कोरोना संकट की मार से जूझ रहे रेहड़ी, पटरी लगाने वाले छोटे कारोबारियों को मोदी सरकार ने आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत 10,000 रुपये तक के लोन का तोहफा दिया है। ऐसे लोग यह लोन देशभर में फैले 3.8 लाख साझा सेवा केन्द्रों (सीएससी) केन्द्रों के जरिये ले सकते हैं।
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पीएम स्वनिधि मोबाइल ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है । पीएम स्वनिधि मोबाइल ऐप को शुरू करने का उद्देश्य स्ट्रीट वेंडर्स के लिए लोन अप्लाई करने के प्रोसेस को आसान बनाना है। इस ऐप के जरिये लोन देने वाली संस्थाओं के फील्ड में काम करने वाले कर्मचारियों जैसे बैंकिंग प्रतिनिधि (बीसी) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) या माइक्रो-फाइनेंस संस्थानों (MFI) के एजेंटों के जरिये स्ट्रीट वेंडर्स तक आसानी से लोन सुविधा को पहुंचाया जा सकेगा।