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प्रदोष व्रत पर इस विधि से करें शिव-पार्वती की पूजा, मिलेगा मनचाहे वर का आशीर्वाद

Pradosh Vrat

Pradosh Vrat

हिन्दू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन विवाहित महिलाएं सुखी जीवन और कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए व्रत रखती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा करती हैं। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन उपवास और पूजा करने से लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और विशेष रूप से विवाह योग्य कन्याओं को मनचाहा वर प्राप्त होता है। इसके अलावा घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं।

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी तिथि 30 अगस्त दिन शनिवार की देर रात में 2 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और 31 तारीख को देर रात 3 बजकर 41 मिनट तक त्रयोदशी तिथि रहेगी। उदयातिथि के अनुसार, भाद्रपद माह का पहला शनि प्रदोष व्रत 31 अगस्त दिन शनिवार को ही रखा जाएगा।

शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जा रहा है। शनि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat)  के दिन शाम में 5 बजकर 44 मिनट से 7 बजकर 44 मिनट तक पूजा के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त है। इस दौरान प्रदोष व्रत की पूजा करना सबसे अधिक फलदायी होगा।

पूजा सामग्री

भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा में शिवलिंग और शिव-पार्वती की मूर्ति, बेलपत्र, धतूरा, भांग, चंदन, फूल, दीपक, धूप, नैवेद्य, गंगाजल, शुद्ध कपड़े, चौकी आदि मुख्य रूप से अवश्य शामिल करें। इस चीजों के बिना प्रदोष व्रत की पूजा अधूरी मानी जाती है।

प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat)  पूजा विधि

– प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat)  के दिन सबसे पहले स्नान करके साफ कपड़े धारण करें और पूजा स्थल को साफ कर लें।
– शिवलिंग और माता पार्वती की प्रतिमा को एक चौकी पर स्थापित करें और उस पर गंगाजल छिड़कें।
– शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी और बेलपत्र से अभिषेक करें।
– शिवलिंग और माता पार्वती की प्रतिमा को चंदन, रोली और फूलों से सजाएं।
– फिर दीपक जलाएं और धूप जलाकर आरती करें और कथा का पाठ करें।
– अंत में शिव-पार्वती को भोग लगाएं और उसी भोग को लोगों को प्रसाद के रूप में बांटें।
– भगवान शिव और माता पार्वती से मनचाहा वर प्राप्त करने की प्रार्थना करें।
– यह पूजा प्रदोष काल में करनी चाहिए। प्रदोष काल सूर्यास्त के समय शुरू होता है।

इन बातों का रखें ध्यान

विवाह योग्य कन्याओं को इस व्रत को विशेष रूप से करना चाहिए। व्रत के दौरान शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध रहें। इस व्रत को नियमित रूप से करने से मनचाहा वर मिलने की संभावना बढ़ जाती है। प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat)  के दिन माता पार्वती की पूजा विशेष रूप से करें। माता पार्वती को सिंदूर, बिंदी और मेहंदी लगाएं। माता पार्वती को लाल रंग के फूल अर्पित करें। माता पार्वती से मनचाहा वर पाने की प्रार्थना करें। माना जाता है कि प्रदोष व्रत करने से न केवल मनचाहा वर मिलता है बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है।

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