हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) का विशेष महत्व माना जाता है। यह दिन महादेव को समर्पित होता है। प्रदोष व्रत महीने में दो दिन रखा जाता है। प्रदोष व्रत माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस बार माघ महीने में यह व्रत 21 फरवरी, बुधवार को पड़ रहा है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव की पूजा करने और उनके निमित्त व्रत रखने से महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आइए, जानते हैं कि फरवरी माह में पड़ रहे प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और पूजा विधि के बारे में।
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) के दिन शाम के समय भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 21 फरवरी को सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी। यह अगले दिन यानी 22 फरवरी को दोपहर 1 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में प्रदोष व्रत 21 फरवरी को रखा जाएगा। इस दिन पूजा का समय शाम 6.15 बजे से रात 8.47 बजे तक है।
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) पूजा सामग्री
भगवान शिव की प्रतिमा, फल, फूल, मिठाई, सफेद चंदन, नशा, बेल पत्र, अक्षत, कलावा, दीपक, कपूर, धूपबत्ती, शहद।
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) पूजा विधि
– प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) के दिन सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करें।
– मंदिर को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें।
– इसके बाद भगवान भोलेनाथ का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
– इस दिन शाम के समय भगवान शिव की पूजा करने की परंपरा है। ऐसे में पूजा की शुरुआत शाम के समय ही शुरू करें।
– विधिपूर्वक शहद, घी और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
– देसी घी का दीपक जलाएं।
– इसके बाद शिवलिंग पर कनेर के फूल, बेलपत्र और भांग चढ़ाएं।
– अंत में भगवान शिव की आरती करें और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।
– शिव जी को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
इसके बाद प्रसाद को लोगों में बांट दें।