• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

प्राण प्रतिष्ठा पूजा विधि कल से होगी शुरू: चंपत राय

अभिजीत मुहूर्त में होगा प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम: चंपत राय

Writer D by Writer D
15/01/2024
in Main Slider, अयोध्या, उत्तर प्रदेश
0
Champat Rai

Champat Rai

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय (Champat Rai) ने सोमवार को कहा कि 22 जनवरी को श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य रामलला के मंदिर में विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा (Ramlalla Pran Pratishtha)का कार्यक्रम में मध्यान्ह अभिजीत मुहूर्त में होगा।

श्री राय ने यहां श्रीराम मंदिर कार्यशाला रामघाट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आगामी पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी विक्रम संवत 2080 तदनुसार 22 जनवरी को भगवान श्री रामलला के श्री विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का पवित्र योग आ गया है। समस्त शास्त्रीय विधि का पालन करते हुए प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम मध्य अभिजीत मुहूर्त में होगा।

उन्होंने (Champat Rai) कहा कि भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की विधि 16 जनवरी से प्रारम्भ होकर 21 जनवरी तक चलेगी। 16 जनवरी को प्रायश्चित एवं कर्म कुटी पूजन, 17 जनवरी को मूर्ति का परिसर प्रवेश, 18 जनवरी सायंकाल तीर्थ पूजन एवं जल यात्रा, जलाधिवास एवं गंधाधिवास, 19 जनवरी प्रात: औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास सायंकाल धान्याधिवास 20 जनवरी प्रात: शर्कराधिवास, फलाधिवास, एवं सायंकाल पुष्पाधिवास 21 जनवरी प्रात: मध्याधिवास, सायंकाल शय्याधिवास, इस प्रकार द्वादश अधिवास होंगे, सामान्यतया प्राण-प्रतिष्ठा में सप्त अधिवास होते हैं।

श्री राय (Champat Rai) ने बताया कि न्यूनतम तीन अधिवास चलन में हैं। अनुष्ठान में 121 आचार्य होंगे। इस अनुष्ठान के संयोजक श्रद्धेय गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ एवं प्रमुख आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित काशी के होंगे। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य विशिष्टजनों की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न होगा।

उन्होंने बताया कि श्री रामजन्मभूमि मंदिर प्रांगण प्राण-प्रतिष्ठा के साक्षी बनने के लिए देश की सभी आध्यात्मिक धार्मिक मत, पंथ, संप्रदाय, उपासना पद्धतियों के सभी अखाड़ों के आचार्य, सभी पंरपराओं के आचार्य, सभी सम्प्रदायों के आचार्य, 150 से अधिक परम्पराओं के सन्त, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्री महंत, महंत, नागा साथ ही 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी तटवासी, द्वीपवासी जनजाती परंपराओं की उपस्थिति भारत वर्ष के निकटवर्ती इतिहास में पहली बार हो रही है। यह अपने आप में विशिष्ट होगा।

श्री राय (Champat Rai) ने बताया कि सम्मिलित होने वाली परंपराओं में शैव, वैष्णव, शाक्त, गणपत्य, पत्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंक रामानंद्र, रामानुज, निम्बार्क, मद्धव, विष्णु नामी, रामसनेही, घीसा पंथ, गरीबदासी, गौड़ीया, कबीरपंथी, वाल्मीकि, असम से शंकरदेव, माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम – गायत्री परिवार, अनुकूलचंद, ठाकुर परंपरा, उड़ीसा का महिमा समाज, पंजाब से अकाली, निरंकारी, नाम राधास्वामी तथा स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव आदि है।

22 जनवरी को इस तरह करें राम दरबार की पूजा, बनी रहेगी सुख-समृद्धि

उन्होंने (Champat Rai) बताया कि गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूर्ण के बाद सभी साक्षीगण क्रमश: दर्शन करेंगे। श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का उत्साह सर्वत्र अनुभव हो रहा है, अयोध्या सहित सम्पूर्ण भान में उत्सव को भव्यता से मानने का संकल्प ले लिया है। इस अवसर पर भिन्न-भिन्न प्रदेशों के जल, स्वर्ण, रजत, रत्न, वस्त्र, आभूषण विशाल घंटा, नगाड़ा और भिन्न भिन्न प्रकार की सुगंधि लेकर लोग आते ही जा रहें है। जिसमें सार्वाधिक उल्लेखनीय है मां जानकी के मायके जनकपुर एवं सीत भार (पुत्री के घर निर्माण के समय भेजा जाने वाला उपहार) लेकर बड़ी मात्रा में लोग उपस्थित हुए हैं। भगवान की ननिहाल रायपुर दंडकारण्य क्षेत्र से भिन्न-भिन्न प्रकार के आभूषण समर्पित किए है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र भारत के सभी बन्धु भगनियों से आह्वान करता है कि 22 को जिला अयोध्या में भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा हो रही हो, उस समय अपने आसपास के मंदिरों की सज और मंदिर के देवता की उपासना के अनुरूप भजन, पूजन, कीर्ति और आरती आदि करें।

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को संचार माध्यम से स्क्रीन लगाकर सामूहिक रूप से देखें, इसके पूर्व आसपास के-स्वच्छता का प्रयास भी करना चाहिए। 22 जनवरी की सायंकाल अपने-अपने घर पर दीपक जलाकर राम ज्योति से प्रकाशनमान करें। उन्होंने बताया कि 22 जनवरी की शाम पांच दीपक श्रीरामलला के नाम जय जय श्री राम। श्रीरामजन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के पुनीत और ऐतिहासिक अवसर पर प्रात: 10 बजे से प्राण- प्रतिष्ठा मुहूर्त के ठीक पहले तक, लगभग दो घण्टे के लिए श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर में शुभ की प्रतिष्ठा के लिए मंगल ध्वनि का आयोजन किया जा रहा है। हमारी भारतीय संस्कृति की परम्परा में किसी भी शुभ कार्य, अनुष्ठान, पर्व के अवसर पर देवता के सम्मुख आनन्द और मंगल के लिए पारम्परिक ढंग से मंगल- ध्वनि का विधान रचा गया है।
इसी सन्दर्भ में प्रभु श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा का यह अवसर, प्रत्येक भारतवासी के लिए शताब्दियों में होने वाला ऐसा गौरव का क्षण है, जब हम सम्पूर्ण भारत के विभिन्न अंचलों और राज्यों से वहाँ के पारम्परिक वाद्यों का वादन यहाँ श्रीरामलला के सम्मुख करने जा रहे हैं। विभिन्न राज्यों के पच्चीस प्रमुख और दुर्लभ वाद्य यन्त्रों के मंगल वादन से अयोध्या में ये प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न होगा।

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय ने बताया कि इसे उन वाद्यों के दक्ष कलाकार प्रस्तुत करेंगे। इन राज्यों और उनके प्रमुख वाद्यों के नाम इस प्रकार हैं। उत्तर प्रदेश-पखावज, बांसुरी और ढोलक, कर्नाटक-वीणा, महाराष्ट्र-सुन्दरी, पंजाब-अलगोजा, उड़ीसा-मर्दल, मध्य प्रदेश-सन्तूर, मणिपुर-पुंग, असम-नगाड़ा, काली, छत्तीसगढ़-तम्बूरा, बिहार-पखावज, दिल्ली-शहनाई, राजस्थान-रावणहत्था, पश्चिम बंगाल-श्रीखोल, सरोद आन्ध्र प्रदेश, घटम झारखण्ड, सितार, गुजरात-सन्तार, तमिलनाडु-नागस्वर, तविल और मृदंगम् उत्तराखण्ड-हुडक़ा इस मांगलिक संगीत कार्यक्रम के परिकल्पनाकार और संयोजक यतीन्द्र मिश्र हैं, जो प्रख्यात लेखक, संस्कृति के जानकार और कलाविद् है। इस कार्य में उनका सहयोग केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी दिल्ली ने किया है। उन्होंने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर दिव्य और भव्य बन रहे रामलला के मंदिर में बाईस जनवरी की प्राण प्रतिष्ठा है। सभी लोग पांच दीपक रामलला के नाम जला करके उत्सव मनावें।

Tags: ayodhya newsayodhya pran pratishthaayodhya ram mandirChampat Raipran pratishtharam mandirup news
Previous Post

22 जनवरी को इस तरह करें राम दरबार की पूजा, बनी रहेगी सुख-समृद्धि

Next Post

सरकारी कर्मचारियों को 31 दिन उपार्जित अवकाश, महिलाकर्मियों को भी मिली सौगात

Writer D

Writer D

Related Posts

Aja Ekadashi
Main Slider

अजा एकादशी का व्रत कब है? जानें इस दिन क्या करें-क्या नहीं

18/08/2025
Shukra Dev
Main Slider

शुक्र देव इस दिन करेंगे कर्क राशि में प्रवेश, इन जातकों का शुरू होगा अच्छा समय

18/08/2025
Makeup
Main Slider

अपनी नाक को बनाएं शार्प, फॉलो करें ये मेकअप टिप्स

18/08/2025
De Tan
फैशन/शैली

फेस पर न करें इनका इस्तेमाल, स्किन को होगा नुकसान

18/08/2025
Shahi Bhindi
Main Slider

इस डिश से लगाएं स्वाद का तड़का, सभी करेंगे आपकी तारीफ

18/08/2025
Next Post
CM Dhami

सरकारी कर्मचारियों को 31 दिन उपार्जित अवकाश, महिलाकर्मियों को भी मिली सौगात

यह भी पढ़ें

Bus Accident

बरातियों से भरी बस ने सड़क किनारे खड़े 5 लोगों को रौंदा, 3 की दर्दनाक मौत

15/02/2024
Vidayi

बेटी को विदा के समय न दें ये चीजें, बर्बाद हो जाएगा ग्रहस्थ जीवन

20/01/2025
किसानों का प्रदर्शन 14वें दिन भी जारी Farmers' performance continues on 14th day

नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का प्रदर्शन 14वें दिन भी जारी

09/12/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version