उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ के कोतवाली लालगंज में तैनात सिपाही द्वारा ड्यूटी के दौरान गोली मारकर आत्महत्या किये जाने के मामले में थाना प्रभारी राकेश भारती को निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को यहां बताया कि गत 25 सितम्बर को लालगंज के सिपाही आशुतोष यादव का शव बैरक में तीसरी मंजिल पर संदिग्ध परिस्थितियों मे सीढ़ी पर मिला था। सिपाही ने गोली मारकर आत्महत्या की थी। सिपाही का शव तकरीबन छह घण्टे तक सीढ़ी पर रहा।
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उन्होंने बताया कि मृतक आशुतोष यादव को 16 फरवरी 2019 को लालगंज थाने मे तैनाती मिली थी। कुछ दिनों पहले ही वह अपने घर से वापस लालगंज थाने पर लौटा था। संदिग्ध मौत से पहले वह हर दिन की तरह अपना काम करता रहा है। ड्यूटी पर तैनात होने के बाद वह एके 47 के साथ लापता हो गया था। छह घण्टे बाद एक सिपाही उसे खोजते हुये, बैरक के तीसरी मंजिल पर गया था। उसे वहाँ पर आशुतोष यादव मृत मिला। इसकी सूचना पुलिस के आलाधिकारियों को दी।
मौके पर पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य भी पहुँचे। कुछ सवाल अभी भी अनसुलझे हैं कि तकरीबन छह घण्टे तक सिपाही गायब रहा। किसी पुलिसकर्मी को इसकी जानकारी क्यों नहीं हुई। यदि उसने एके 47 से अपने आपको गोली मारी, तो बैरक मे रहने वाले अन्य लोगों को क्यों जानकारी नहीं हुई । एके 47 से गोली चलने की आवाज बहुत तेज होती है तो किसी को गोली चलने की आवाज कैसे सुनाई नहीं पडी।
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इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने लालगंज प्रभारी निरीक्षक राकेश भारती को पुलिस महानिरीक्षक के आदेश पर निलम्बित कर दिया गया है। दरअसल जांच के दौरान यह पाया गया कि प्रभारी निरीक्षक राकेश भारती ने मृतक सिपाही को खोजने का प्रयास नहीं किया। साथ मे हमराही होने के बावजूद उसकी मानसिक स्थित को कैसे समझ नहीं पाये, इसलिये उन्हें निलम्बित कर दिया गया है।