लखनऊ/प्रयागराज। उमेश पाल हत्यकांड (Prayagraj Shotout) में घायल दूसरे सिपाही राघवेंद्र की भी इलाज के दौरान मौत हो गई। बुधवार शाम 5:45 बजे सिपाही राघवेंद्र की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।
उमेश पाल को बचाने में एक सिपाही की मौके पर ही मौत हो गई थी तो दूसरे सिपाही का लखनऊ के अस्पताल में इलाज चल रहा था। लेकिन आज पीजीआई निदेशक आरके धीमान ने की सिपाही की मौत की पुष्टि कर दी गई है।
क्या है मामला?
BSP के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल पर 24 फरवरी को बम और गोली से हमला किया गया। इस हमले में उमेश पाल की मौत हो गई थी। उसकी सुरक्षा में दो गनर भी लगे थे। इनमें से एक की मौत हो गई थी जबकि दूसरा गनर अस्पताल में भर्ती थे। जिन्होंने कि आज दम तोड़ दिया। यानी कि इस घटना में तीन लोगों पर फायरिंग की गई और तीनों की ही मौत हो गई है।
कोर्ट से वापस आने के बाद अपने घर के पास जैसे ही उमेश पाल पहुंचे, वैसे ही बदमाशों ने पहले तो उनकी कार पर गोलियों से हमला कर दिया। फिर जब वह कार से निकल कर अपने घर की ओर भागे तो उनके पीछे बम से भी हमला किया।
2005 में राजू पाल की हुई थी हत्या
बता दें कि प्रयागराज में 25 जनवरी 2005 को बीच सड़क पर बीएसपी के पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। उसी हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल पर 24 फरवरी को जानलेवा हमला हुआ। पहले उमेश पाल को अस्पताल में भर्ती कराया गया, बाद में उनकी मौत हो गई। इस हमले में उमेश पाल को गोली और बम लगे थे।
इस हत्याकांड के आरोप बाहुबली अतीक अहमद पर लगे। प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड को लेकर यूपी सरकार चौतरफा एक्शन में है। एक तरफ शूटर्स को पकड़ने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी चल रही है। दूसरी तरफ अतीक अहमद के गुर्गों पर बुलडोजर एक्शन चालू है। प्रयागराज में उस मकान को ध्वस्त कर दिया गया, जहां अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता रहा करती थी और 24 फरवरी के हत्याकांड के बाद जिस मकान में शूटर्स पहुंचे थे।
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उल्लेखनीय है कि अब इस हत्याकांड के तार मुख्तार अंसारी से भी जुड़ रहे हैं। कारण, यूपी एसटीएफ ने अंसारी के शूटर बृजेश सोनकर को गिरफ्तार किया है। जिसके पास से पुलिस को अवैध तमंचा और कारतूस बरामद हुए हैं।