लखनऊ। आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (E.O.W.), उत्तर प्रदेश को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। वर्ष 2008-09 से जनता के साथ 250 करोड़ रुपये की ठगी (Insurance Scam) कर फरार चल रहे वी-केयर मल्टीट्रेड प्राइवेट लिमिटेड (V-Care Multitrade Pvt. Ltd.) कंपनी के प्रमुख आरोपी प्रेमप्रकाश सिंह (Prem Prakash Singh) को ई.ओ.डब्ल्यू. की टीम ने पश्चिम बंगाल के कलकत्ता से गिरफ्तार कर लिया है। उक्त जानकारी ईआोडब्लू की डीजी नीरा रावत ने दी।
वी-केयर मल्टीट्रेड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का पंजीकरण वर्ष 2008-09 में कंपनी एक्ट 1956 के तहत राजधानी दिल्ली में कराया गया था। पंजीयन संख्या U51109DL2008PTC177146 है और इसका पंजीकृत कार्यालय A-53, प्रशांत विहार, नई दिल्ली में स्थित है। इसके अलावा कंपनी ने लखनऊ में कृष्णा नगर क्षेत्र के सिंधुनगर में क्षेत्रीय कार्यालय खोल रखा था।
यह कंपनी रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस, फ्यूचर जनरली लाइफ इंश्योरेंस और एगॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की पॉलिसियां बेचती थी। मगर इन पॉलिसियों को वी-केयर कंपनी के माध्यम से खरीदने पर ग्राहकों को मोटे लाभ, बोनस, उपहार व अतिरिक्त रिटर्न का लालच दिया जाता था।
कंपनी ने इसी प्रलोभन के जरिये हजारों लोगों को अपने जाल में फंसाया और करीब 250 करोड़ रुपये की धनराशि निवेश के रूप में जुटा ली। बाद में कंपनी ने अचानक अपने कार्यालय बंद कर दिए और सभी संचालक फरार हो गए। इस मामले में लखनऊ के थाना कृष्णानगर और आशियाना में कुल 26 आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए।
उत्तर प्रदेश शासन ने 3 नवंबर 2015 को इस बहुचर्चित घोटाले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (E.O.W.) लखनऊ को सौंप दी थी। ई.ओ.डब्ल्यू. की गहन विवेचना में इस धोखाधड़ी में कुल 23 लोगों को नामजद अभियुक्त पाया गया।अब तक 19 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है और उनके विरुद्ध आरोप पत्र भी दाखिल किए जा चुके हैं। एक अभियुक्त की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 3 अभियुक्त अब भी फरार थे।
इन तीन में से एक अभियुक्त प्रेमप्रकाश सिंह (Prem Prakash Singh) पुत्र शिवदयाल सिंह, निवासी 303, तीसरी मंजिल, चर्च कॉम्प्लेक्स, मेन रोड, रांची (झारखंड) को ई.ओ.डब्ल्यू. ने 09 जुलाई 2025 को कलकत्ता, पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया।
प्रेमप्रकाश (Prem Prakash Singh) लंबे समय से नाम बदलकर पश्चिम बंगाल में छिपा हुआ था और लगातार अपनी पहचान छिपाते हुए फरारी काट रहा था। उसकी गिरफ्तारी से अब इस घोटाले के मुख्य सूत्रधारों में से एक कानून के शिकंजे में आया है।
प्रेमप्रकाश सिंह (Prem Prakash Singh) को लखनऊ लाकर संबंधित न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा और आगे की पूछताछ में यह स्पष्ट किया जाएगा कि निवेशकों के पैसे कहां और कैसे खपाए गए। वहीं, इस घोटाले में शेष 2 फरार आरोपियों की तलाश में ई.ओ.डब्ल्यू. की टीमें सक्रिय हैं। इस मामले की छानबीन और कार्यवाही वरिष्ठ अधिकारियों के पर्यवेक्षण में की जा रही है और आर्थिक अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है।