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बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए प्रेमानंद महाराज, बांटी राहत सामग्री

Premanand ji Maharaj

Premanand ji Maharaj

मथुरा। भारी बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं। यमुना नदी ने भी रौद्र रूप लिया हुआ है, जिसके चलते पूरे वृंदावन के कई इलाकों में बाढ़ आई हुई है। यहां तक की वृंदावन के परिक्रमा मार्ग पर, जहां गाड़ियां चलती थीं। वहां अब नाव चल रही हैं। पिछले 8 दिन से यमुना ने हाहाकार मचाया हुआ है, जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी हो रही है। ऐसे में प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) भी नाव में बैठकर यमुना की बाढ़ को देखने के लिए निकल पड़े और बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए।

प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) ने बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री बांटी। वह सोमवार की शाम को अपने आश्रम श्री हित राधा के लिए कुंज से निकले और नाव में सवार होकर वृंदावन में आई बाढ़ का जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ उनके शिष्य भी मौजूद रहे। उन्होंने वृंदावन के कई इलाकों का जायजा लिया। इस दौरान का उनका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह अपने शिष्यों के साथ नाव में बैठकर यमुना का जायजा लेते नजर आ रहे हैं।

बाढ़ पीड़ितों को बांटी राहत सामग्री

प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) के साथ सभी शिष्यों ने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांटी। प्रेमानंद महाराज ने लगभग 2 घंटे तक यमुना का भ्रमण किया और बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांटी। इस दौरान उन्होंने कहा कि वृंदावन वासी भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त हैं और वह खुद भगवान की पटरानी हैं। इसलिए उन्हें भगवान के भक्तों को इस तरह सताना नहीं चाहिए। वृंदावन के अलग अलग हिस्सों में जाकर बाढ़ की विभिषिका देखी। इस दौरान हुई तबाही को देखकर वह भावुक हो गए और बोल पड़े कि यमुने तूने ये क्या किया।

प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) ने बाढ़ को लेकर कहा था, “इस समय हमारे देश में विपदा चल रही है। जगह–जगह बाढ़ आ रही है। वृंदावन में हजारों लोग भूखे हैं, न तो पानी है, न बिजली है। सब कुछ कटा हुआ है। ऐसे हम सब लोग मिलकर जैसा भगवान ने सामर्थ्य दिया है। उसी तरह का सहयोग विपदा में करना चाहिए।

प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) ने आगे कहा कि खाने के पैकेट नाव से बाढ़ पीड़ितों को भेजने चाहिए। भारत के अलग-अलग प्रांत में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। अगर आप सामर्थ्यवान हैं, तो लोगों को भोजन कराएं। मनुष्य जीवन तभी सार्थक है, जब हमारे जरिए किसी का मंगल हो। हमारे संतजन नाव से घूम-घूमकर लोगों को खाना-पानी और राहत की सामग्री पहुंचा रहे हैं।

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